बिलासपुर—आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सीएमडी चौक स्थित उद्योग भवन में एक बैठक कर आम आदमी पार्टी श्रमिक शक्ति संगठन का गठन किया है। बैठक में पश्चिमी बंगाल और उड़ीसा के कार्यकर्ता शामिल हुए। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर जल्द ही श्रमिक संगठन खड़ा किया जाएगा। श्रमिक संगठन मजदूरों के हितों में काम करेगा। संगठन को राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिशा निर्देशन में तैयार किया गया है। आंतरिक मामलों के संयोजक संजय सिंह का संगठन को तैयार करने में विशेष मार्गदर्शन मिला है। आम आदमी श्रमिक शक्ति संगठन का संक्षिप्त नाम आस होगा।
प्रेस क्लब बिलासपुर में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में जिला इकाई के संयोजक आम आदमी पार्टी के नेता नीलोत्पल शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर आम आदमी पार्टी ने श्रमिक शक्ति संगठन बनाने का एलान किया था। छत्तीसगढ़ प्रदेश संगठन ने पार्टी का पहला श्रमिक संगठन का आज गठन किया है। संगठन के पहला पहला संयोजक भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत विश्वास दास को बनाया गया है। आने वाले समय में आस से प्रदेश के सभी दिहाड़ी,अकुशल मजदूरों और किसानों को जोड़ा जाएगा।
प्रेस कांफ्रेस को आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक संकेत ठाकुर, विभास दास और विश्वास ने संबोधित किया। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बताया कि आप और आस मिलकर गरीबों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। इस मौके पर नेताओं ने बताया कि राजनीति हमारा व्यवसाय नहीं है। हम ठेले खोमचे और मजदूरों को अपने संगठन में शामिल करेंगे। उन पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि आस का विस्तार एसईसीएल,नालको,हिंडाल्कों और रेलवे जैसे संस्थानों तक करेंगे।
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए आप पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले पन्द्रह सालों में किसानों की संख्या पच्चीस लाख से अधिक कम हुई है। मजदूरों की संख्या बढ़ी है। इससे जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार किसानों की संख्या को लगातार कम करना चाहती है। उनकी जमीनों को हड़पकर पूंजीपतियों को कौड़ी के मोल बेचने का षड़यंत्र रच रही है। इस मौके पर उन्होंने बताया कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जब तक मजदूरों को फुटबाल बनाकर परेशान करते हैं। उनसे वसूली करते हैं। लेकिन अब आस इन मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएगी।
आप नेताओं ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड जेन्डर का प्रावधान तो कर दिया गया है। लेकिन उन्हें अभी तक सामाजिक न्याय नहीं मिला है। हम थर्ड जेन्डर को ना केवल संगठन से जोड़ेंगे बल्कि पद भी देंगे। उन्हें न्याय दिलाने के लिए जहां जरूरत पड़ेगी टकराएंगे भी ।