थर्ड जेंडर की बेहतरी के लिए एक बेहतर पहल

Shri Mi
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4648 Finalccरायपुर।तृतीय लिंग समुदाय के अधिकारों के संरक्षण संबंधी प्रारूप विधेयक पर सुझाव लेने सोमवार को मंत्रालय में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में तृतीय लिंग व्यक्ति की पहचान, आरक्षण, सामजिक सुरक्षा, छात्रवृत्ति, पेंशन सहित उनसे जुड़े अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर सुझाव दिए गए।कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष और रायपुर के लोक सभा सांसद रमेश बैस ने कहा कि तृतीय लिंग व्यक्तियों की अधिकारिता के अनुरूप उन्हें समाज में जीवन-यापन के लिए समान अवसर देने के लिए विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है।

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                                                 बैस ने कार्यशाला में उपस्थित विषय विशेषज्ञों से कहा कि वे कार्यशाला में तृतीय लिंग के हितों के संरक्षण के लिए सुझााव दे सकते हैं। प्राप्त सुझावों से एक अच्छा विधेयक बनाने में मदद मिलेगी और इसका लाभ तृतीय लिंग समुदाय को मिलेगा।

                                              कार्यशाला में छत्तीसगढ़ सरकार की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री रमशीला साहू ने कहा कि तृतीय लिंग समुदाय को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ उन प्रमुख राज्यों में है जिसने तृतीय लिंग व्यक्तियों के लिए पृथक से बोर्ड का गठन किया है। समाज कल्याण विभाग का शुरू से यह मत रहा है कि तृतीय लिंग व्यक्तियों को समाज में सम्मान और अधिकार प्रदान करने के लिए अलग से कानून की व्यवस्था की जाए।मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा तृतीय लिंग व्यक्तियों के अधिकारों का सरंक्षण विधेयक 2016 की प्रारूप तैयार किया गया है। यह तृतीय लिंग व्यक्तियों की अधिकारिता विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह कानून इस वर्ग के व्यक्तियों के पुनर्वास में मील का पत्थर साबित होगा।

                                              मुम्बई से आयीं सुश्री कृपाणी विडये, सुश्री स्नेह लता और डॉ. पीयूष सक्सेना ने प्रस्तुतिकरण के जरिए तृतीय लिंग वर्ग को सामाजिक सुरक्षा और उनके पुनर्वास के लिए कार्यशाला में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कार्यशाला में तृतीय लिंग के व्यक्तियों को आजीविका, कौशल उन्नयन, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण, राजनीतिक प्रतिनिधित्व आदि का प्रावधान अधिनियम में शामिल करने का भी सुझाव दिया गया।

                                              कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय एवं सदस्य पदमा चन्द्राकर, राज्य योजना आयोग के सदस्य श्री समीर घोष, समाज कल्याण विभाग के सचिव सोनमणि बोरा एवं संचालक डॉ. संजय अलंग सहित नई दिल्ली, मुम्बई, हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रायपुर, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, तृतीय लिंग समुदाय के प्रतिनिधि और विश्वविद्यायीन छात्र उपस्थित थे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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