बिलासपुर— मरवाही थाना के कुम्हारी गांव में पुलिस प्रताड़ना से एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि चन्द्रिका तिवारी को लाकअप बेरहमी से पीटा गया। इसके बाद लाकअप में डाल दिया गया। दुसरे दिन जमानत के लिए दिन भर तहसील कार्यालय में बैठाकर रखा गया। इसी दौरान अत्यधिक चोट के कारण चन्द्रिका तिवारी की मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि मरने वाला व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता है। बहरहाल मामला धीरे धीरे राजनैतिक रूप लेता जा रहा है। आज धरम लाल कौशिक ने मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।
आज भारतीय जनता पार्टी के नेता और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रेसवार्ता कर बताया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गयी है। धरम ने बताया कि दो दिन पहले मरवाही धाना के गांव कुम्हारी में परिवार के दो पक्षो में जमीन विवाद को लेकर मारपीट हुई। धरमलाल कौशिक ने बताया कि सात अप्रैल को मारपीट की घटना के दौरान 112 को डायल किया। डायल के बाद जवाब आया कि तुम लोग थाना पहुंचो इसके बाद बताता हूूं कि बार बार डायल करने का परिणाम क्या होता है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल ने बताया कि पीडित दिनेश और उसकी मां शिकायत लेकर थाने गयीं। मां कलीवाई के सामने उसके बेटे दिनेश तिवारी के साथ पुलिस वालों ने मारपीट की। इसी बीच आधे घण्टे बाद दिनेश का पिता चन्द्रिका तिवारी भी आ गया। कलीबाई के अनुसार उसके पति और बेटे के साथ पुलिस वालों ने उसके सामने ही जमकर मारपीट की। मारपीट के दौरान पति के दांत भी टूट गया। विरोध करने और पूछने पर थानेदार ने मां बहन की गाली देते हुए सिपाहियों से कहा कि दोनों को सुबह अस्पताल में फेंक आना। फिलहाल दोनों को लाकअप में ही सेवा करो।
धरमलाल के अनुसार कलीबाई ने बताया कि सुबह आठ अप्रैल को दोनों को करीब 12 बजे मरवाही तहसील कार्यालय भेजा गया। लेकिन मौके पर तहसीलदार थे। लेकिन कुछ देर बाद उठकर चले गये। लेकिन शाम तक तहसीलदार नहीं आया। इसी दौरान करीब 4 बजे चन्द्रिका तिवारी बेहोश गए। आनन फानन में पुलिस वालों ने चन्द्रिका तिवारी को सेनोटोरियम में भर्ती किया। ज्यादा तबीयत खऱाब होने पर सिम्स रिफर कर दिया गया। लेकिन चन्द्रिका ने रतनपुर के पास रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
धरमलाल कौशिक ने बताया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। थाने में मारपीट की घटना से प्रदेश में आक्रोश है। धरम के अनुसार मामले में आईजी और एसपी के अलावा डीजीपी से बातचीत की है। घटना को लेकर उच्चस्तरीय जांच करने को कहा है। सवाल जवाब के दौरान धरम ने बताया कि जांच टीम में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और योग्य चिकित्सकों को शामिल किया जाए।
मृतक भाजपा कार्यकर्ता था। इसलिए जांच की मांग की जा रही है। आपके सरकार में पुलिस प्रताड़ना और हत्या के कई मामले सामने आए हैं। इतनी सक्रियता उस समय क्यों नहीं दिखाई गयी। धरम ने कहा कि हम मौत पर राजनीति नहीं करते हैं । जिन्हें करना है वे राजनीति करें। हां ना के बीच अन्त में धरम ने कहा कि मरने वाला भाजपा का कार्यकर्ता था।
सवाल जवाब के दौरान धरम ने बताया कि आरोपी थानेदार के खिलाफ 302 का अपराध दर्ज किया जाए। केवल लाइन अटैच करना पर्याप्त नहीं है। थानेदार हत्या का आरोपी है। उसे बचाया जा रहा है। यदि जांच नहीं होती है या जांच में लीपापोती का प्रयास किया जाएगा तो भारतीय जनता पार्टी आंदोलन करेगी। पुलिस का बर्बर चेहरा को सामने लाया जाएगा। धरम ने यह भी कहा कि थानेदार को यदि बजाया जा रहा है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन मृतक के परिजनों को न्याय मिलने भाजपा चुप नहीं बैठेगी।