दंतेवाड़ा।सक्षम का छोटा सा बच्चा अंजन जिसने 9 मई 2015 को अपना गाना गाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतना खुश कर दिया कि प्रधानमंत्री खुद उसकी ताल में ताल देने लगे। अंजन जैसी संगीत की कई प्रतिभाएँ जो दिव्यांग होने की वजह से अवसर से चूक जाती, अगर सक्षम में इन्हें प्लेटफार्म नहीं उपलब्ध कराया होता। अब संगीत के इन प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान कर बैंड सक्षम बनाया गया है। जिला प्रशासन ने इन बच्चों के लिए संगीत के उपकरण जैसे हारमोनियम, तबला, बैंजो आदि उपलब्ध कराए हैं। इसके साथ ही संगीत का शिक्षक भी रखा है।
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अब सक्षम के बच्चे खूब पढ़ाई करते हैं और खाली वक्त में खूब रियाज करते हैं। बच्चे फिल्मी संगीत, देशभक्ति और भक्ति संगीत सभी प्रकार के गाने गाते हैं। अंजन इतना होशियार है कि स्वतंत्र गीतों के अपने तरह के धुन भी तैयार करता है। पहले अंजन गीत गाता था, अब उसे तबला बजाना अच्छा लगता है। शंकर ढोलक बजाता है और उसे बांसूरी बजाना भी बहुत पसंद है। रोहित की पियानो के नोट्स पर शानदार पकड़ है और घासीराम, पिंटू और माहेश्वरी गाना गाते हैं। माहेश्वरी की प्रतिभा केवल गाने में नहीं है, वो पढ़ने में भी काफी तेज है।
वो ब्रेल लिपि में लिखे अक्षर इतने फर्राटे से पढ़ लेती है कि देखने वाले दाँतों तले ऊँगली दबा कर रह जाते हैं। अंजन गाना भी अच्छा गाता है और बजाता भी अच्छा है। सक्षम बैंड ने बस्तर के अलावा नागपुर में भी अपनी प्रस्तुति दी है और नागपुर की इनकी प्रस्तुति को पुरस्कृत भी किया गया। सक्षम बैंड ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मेरा जूता है जापानी, गाने पर अपनी प्रस्तुति दी जिसे काफी सराहा गया। गाने के साथ नृत्य में भी यह बच्चे काफी आगे हैं। इनमें से कई बच्चे मूकबधिर हैं लेकिन अद्भुत ट्रेनिंग के चलते गाने में इनकी अजब लय होती है जो दर्शकों को प्रभावित किए बगैर नहीं छोड़ती।
सक्षम प्रभारी श्रीमती श्यामा तिवारी ने बताया कि बच्चों की रुचि के मुताबिक उन्हें कला की विधाओं में दक्ष करने का प्रयास किया जा रहा है। जब बहुत से बच्चों में संगीत की अभिरुचि नजर आई तो बैंड सक्षम बनाने की संभावना जागी और फिर इस दिशा में मेहनत करना आरंभ किया। आज यह ग्रूप बहुत बेहतर परफार्म कर चुका है और अनेक मंचों में अपनी प्रस्तुति दे चुका है। ऐसे ही प्रयास करते रहने से ग्रूप का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा।