दाल-तेल की कीमतें कैसे रोकेगी सरकार ?

Chief Editor
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रायपुर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को दाल और खाद्य तेलों की कीमतों पर नियंत्रण रखने और उनकी उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को परिपत्र किया है। परिपत्र में विगत चार महीनों के दौरान अरहर दाल, चना दाल और मसूर दाल के बाजार मूल्यों में अप्रत्याशित वृद्धि होने का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि अधिकारी दालों और खाद्य तेलों की उपलब्धता सहित जिलों में उनके विक्रय पर लगातार निगरानी रखें। हर जिले में इन दोनों आवश्यक वस्तुओं के दैनिक बाजार भाव पर भी सतत निरागनी रखने के निर्देश और दुकानों में स्टाक तथा मूल्य सूची अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करवाने के निर्देश जिला कलेक्टरों को दिए गए हैं।

इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ आवश्यक वस्तु व्यापारी (अनुज्ञापन तथा जमाखोरी पर निर्बन्धन) आदेश 2009 के तहत राज्य सरकार द्वारा व्यापारियों और कमीशन एजेंटों के लिए किसी एक समय में समस्त प्रकार की दालों की अधिकतम स्टाक सीमा एक हजार क्विंटल, खाद्य तेलों की स्टाक सीमा 500 क्विंटल और खाद्य तेल बीज (तिलहन) के लिए स्टाक सीमा एक हजार क्विंटल निर्धारित की गयी है। परिपत्र में दालों और खाद्य तेलों की उपलब्धता और निगरानी के लिए जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिले में इन वस्तुओं के थोक और खुदरा व्यापारियों की बैठक लें। अगर दाल और खाद्य तेलों के परिवहन तथा भण्डारण के संबंध में कोई समस्या हो तो इसका त्वरित निराकरण किया जाए। अनुज्ञप्तिधारियों (लायसेंस धारकों) से उनके कारोबार स्थल पर दालों और खाद्य तेलों के उपलब्ध स्टाक की मात्रा और मूल्य सूची अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करायी जाए। उनसे उपलब्ध स्टाक की प्राप्ति और विक्रय आदि का मासिक ब्यौरा भी प्राप्त किया जाए और इसके आधार पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आकस्मिक रूप से स्टाक की जांच की जाए।
परिपत्र में कहा गया है कि जांच के दौरान अगर यह पाया जाता है कि इन वस्तुओं का स्टाक अनावश्यक विक्रय हेतु रोके जोने अथवा जमाखोरी का प्रमाण मिलने पर स्टाक जब्त कर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत राजसात किया जाए। हर जिले में दालों और खाद्य तेलों की बाजार भाव पर लगातार निगरानी रखने और कीमतों में अचानक वृद्धि होने पर इन दिशा-निर्देशों के अनुरूप तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश भी जिला कलेक्टरों को दिए गए हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संचालक ने इस महीने की पांच तारीख को जारी इस परिपत्र के आधार पर जिला कलेक्टरों को जिलों में की गयी कार्रवाई का ब्यौरा देने के भी निर्देश दिए हैं।

 

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