दिवंगत शिक्षाकर्मियों को दी श्रद्धांजलि,आश्रित परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग

Shri Mi
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संविलियन,शिक्षाकर्मियों,chhattisgarh,pran,cps,ddoबिलासपुर।नवीन शिक्षाकर्मी संघ के मीडिया प्रभारी मनोज चन्द्रा व प्रवक्ता गंगा पासी ने बताया की 2012-13 मे हड़ताल के दौरान दिवंगत हुए शिक्षाकर्मी साथियो को नवीन शिक्षाकर्मी संघ द्वारा जिस दिनांक को हड़ताल की समाप्ति हुई थी उसी दिनांक 9 जनवरी को वर्ष 2014 से प्रतिवर्ष श्रद्धांजलि सभा कर हड़ताल के दौरान दिवंगत साथियो के योगदान को याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया जाता है इसी परिपेक्ष्य मे 9 जनवरी 2019 को 2012-13,2017 के आंदोलन व वर्षभर के अन्तर्गत दिवंगत शिक्षाकर्मी/शिक्षको को नवीन शिक्षाकर्मी संघ द्वारा श्रद्धासुमन अर्पित कर राज्य सरकार से दिवंगत शिक्षकर्मियो के आश्रित एक परिजन को योग्यतानुसार शासकीय पदो पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की मांग किया गया,प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत व महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष उमा जाटव ने कहा है की पूरे प्रदेश मे डीएड व टीईटी पात्रता उतीर्ण जरूरी होने के कारण लगभग 3500 परिवार अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दर-दर ठोकर खा रहे है।   सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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कई ऐसे परिजन है जिनको एक वक्त की रोटी व्यवस्था करने मे भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है,प्रदेश पदाधिकारी गिरीश साहू,अजय कड़व व चन्द्र शेखर रात्रे ने अनुकम्पा पीड़ित परिवार को जल्दी ही अनुकम्पा नियुक्ति देने के लिए सरकार से निर्णय लेने की मांग किया है,संजीव मानिकपुरी,छन्नूलाल साहू,बी.प्रकाश,खिलेंद्र बघेल,कृष्णा दास, खिलावन सिंह ठाकुर,गणेश प्रसाद शर्मा ने दिवंगत साथियो को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा की आज हम सबको संविलियन का लाभ मिला है।

उसमे हमारे दिवंगत साथियो के योगदान को कभी नही भुलाया जा सकता है और हमे गर्व है की हमारा संगठन नवीन शिक्षाकर्मी संघ द्वारा 9 जनवरी को प्रतिवर्ष दिवंगत शिक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते आ रहे है हम सब राज्य सरकार से दिवंगत शिक्षाकर्मियों के आश्रित परिजन को अनुकम्पा नियुक्ति की मांग करते है अनुकम्पा नियुक्ति मिलने पर ही सही मायने मे दिवंगत शिक्षाकर्मियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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