IG दीपांशु काबरा ने कहा-सिर पर बर्फ और मुंह में शक्कर रखें,INVESTIGATION के समय शांत-मधुर रहें

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– स्वर्गीय लखीराम स्मृति सभागार में  वैज्ञानिक अनुसंधान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया ।  रेंज स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ बिलासपुर रेंज पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा ने किया। कार्यशाला में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एन.डी.तिगाला और पुलिस कप्तान आरीफ एच.हुसैन विशेष रूप से मौजूद थे। कार्यशाला में विभिन्न विषयों के जानकारो ने व्याख्यान दिया।
                   स्वर्गीय लखीराम स्मृति सभागार में एक दिवसीय पुलिस रेज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन आईजी दीपांशु काबरा ने किया। आईजी काबरा ने कहा कि  विवेचना के दौरान अत्यधिक सावधानी की जरूरत होती है। विवेचकों को  जांंच पड़ताल के दौरान वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए। आईजी ने पीड़ितों के प्रति सहानुभूति रखते हुए सिर पर बर्फ और मुंह में शक्कर रखकर काम करने का निर्देश दिया। उन्होने विवेचकों को शांत और मधुर रहकर कार्यवाही करने को कहा।
                               डॉ.एस.एन,विश्वास ने विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन की जानकारी दी। इस दौरान विवेचना अधिकारियों ने विश्वास से प्रश्न कर अपनी जिज्ञासाओं को शात किया।
                      राजनांदगांव मेडिकल कालेज के डीन आर.के.सिह ने वैज्ञानिक अनुसंधान में चिकित्सा विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। आर.के.सिह ने एन्टी मार्टम बर्निंग और पोस्ट मार्टम बर्निंग, चोट के प्रकार, घटना में उपयोग औजार का निर्धारण को लेकर जानकारी दी।
                                                     संयुक्त संचालक अभियोन एन.एस.चंदेल, शासकीय अधिवक्ता अभियोजन डी.दत्ता ने महिला अपराधों और पाक्सो एक्ट में दोषमुक्ति के कारणोंं के बारे में बताया।
                                                      पुलिस कप्तान आरीफ शेख ने जनता में पुलिस की छवि और व्यवहार व्याख्यान दिया। इस दौरान उन्होने कई रोचक जानकारियां भी दीं। प्रेरक वीडियों के माध्यम से पुलिस की छवि पर प्रकाश डाला। आरीफ एच.शेख ने बताया कि काम के दौरान प्रतिभागियों के बीच टीम भावना का होना बहुत जरूरी है।
             कार्यशाला का संचालन एडिश्नल एसपी अर्चना झा ने किया। धन्यवाद भी जाहिर किया। कार्यशाला में ईपीएस शलभ सिन्हा,एडिश्नल एसपी नीरज चन्द्राकर समेत संभाग के सभी जिलों के राजपत्रित पुलिस अधिकारी और 200 विवेचक मौजूद थे। कार्य़शाला के बाद प्रतिभागियों से प्रश्नावली और फीडबैक फार्म भी भरवाया गया।
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