दुर्भावना से प्रेरित होकर लगाया आरोप…शर्मा

BHASKAR MISHRA
4 Min Read

बिलासपुर— बिलासपुर के आदिम जाति कल्याण विभाग के अन्त्यावसायी के पूर्व सीईओ पी.के.शर्मा ने अपने खिलाफ तीस लाख की धोखाध़ड़ी के आरोप को एक सिरे से खारिज किया है। शर्मा के अनुसार जिस योजना को जिले,संभाग और राज्य स्तर पर सराहना मिली हो उसे लेकर उन पर जो भी टीका टिप्पणी आरोप लगाये जा रहे हैं। दुर्भावना से प्रेरित है। इस बात लेकर उन्हें ठेस पहुंची है। पी.के शर्मा ने सीजी वाल और अन्य पत्रकारों को बताया कि निपनिया लाइवली हुड कालेज में विभाग ने सीमित संसाधनों और बजट में मितव्यता और कुशलता के साथ जिस प्रकार काम को अंजाम तक पहुंचाया है वैसा उदाहरण बहुत कम ही देखने को मिलता है। बावजूद इसके मीडिया में उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाना समझ से परे है। इससे उनके परिवार को पीडा पहुंची है।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

                           अन्त्यावसायी विभाग के पूर्व सीईओ पी.के.शर्मा ने आज सीजी वाल को बताया कि 2013 में बिल्हा के निपनिया में लाइवली हुड कालेज की स्थापना की गयी। अन्त्यावसायी सीईओं होने के नाते मुझे इस काम को अंजाम तक पहुंचाने में विभाग की टीम और जिला प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला। तात्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज बंसोड़ और संभागायुक्त सोनमणि वोरा ने अन्त्यावसायी विभाग के काम काज को लेकर बहुत प्रशंसा भी की थी। लेकिन जब मैं रायगढ़ पहुंचा तो मेरे खिलाफ मीडिया में दुर्भावना से ग्रसित होकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है। जिससे उन्हें पीड़ा पहुंची है। उन्होने बताया कि आरोप कौन लगा रहा है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।

                प्रमोद कुमर शर्मा ने बताया कि निपनिया लाइवली हुड कालेज का प्रदेश में एक विशेष स्थान है। इसमें जिला पंचायत और संभागायुक्त के अलावा जिला अन्त्यवसायी विभाग का भी योगदान है। शर्मा ने बताया कि जिला पंचायत से हमें मात्र पन्द्रह लाख रूपए मिले थे। जिसकी जानकारी सभी को है। ऐसे में उनके खिलाफ तीस लाख का भ्रष्टाचार लगाना समझ से परे है। शर्मा के अनुसार पन्द्रह लाख रूपए में लाइवली हुए कालेज में अन्त्यावसायी विभाग ने मितव्यता के साथ काम करते हुए अपनी सर्वश्रेष्ठ भूमिका को निभाया है। उन्होने बताया कि योजना में तीस लाख रूपए की जरूरत थी। लेकिन नहीं मिले। यदि मिल जाते तो विभाग को पन्द्रह लाख रूपए का सीधा फायदा होता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।

                                      पी.के शर्मा ने सीजीवाल को बताया कि सीईओ रहते हुए लाइवली हु़ड कालेज में हमने आजीविका मिशन योजना के तहत लोगों को सिलाई कढ़ाई,बुनाई और अन्य जीविकापार्जन से जुड़े बुनियादी कार्यों का ना केवल प्रक्षिक्षण दिया बल्कि कम समय में रिकार्ड कुशल कारीगर भी तैयार किया। जिसकी तारीफ खुद संभागायुक्त वोरा जी ने की है। मुख्यमंत्री ने भी विभाग के कार्यप्रणाली को लेकर संतोष जाहिर किया था।

                शर्मा के अनुसार जब हमें तीस लाख मिले ही नहीं थे। तो तीस लाख का भ्रष्टाचार हुआ कहां से। जबकि हमें चाहिए थे पैंतिस लाख रूपए लेकिन मिले केवल पन्द्रह लाख रूपए। हमने जरूरतों में कटौती करते हुए शासन के दिशा निर्देश पर ना केवल काम को अंजाम तक पहुंचाया बल्कि सरकार ने हमारे विभाग की कार्यप्रणाली को सराहा भी।  उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि साजिश कर कोई मुझे नुकसान पहुंचाना चाहता है।

close