बिलासपुर—बिलासपुर जिला के सहकारी बैंक भर्ती घोटाला एक बार तूल पकड़ लिया है। कांग्रेसियों ने भर्ती घोटाले में सरकार का मौन समर्थन का आरोप लगाया है। पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने प्रेस नोट जारी कर बिलासपुर जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय और पूर्व गृहमंत्री समेत अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। अटल ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में मंत्रियों ने जमकर रूपयों का बंदरबांट किया है।
कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव ने बताया कि भर्ती घोटाले में स्थानीय जिला प्रशासन भी दोषी है। पीसीसी महामंत्री के अनुसार 106 कर्मचारी जिन्हें बैंक सेवा से बाहर निकाला गया। आज बेरोजगार घूम रहे हैं। इसके लिए सीधे तौर पर देवेन्द्र पाण्डेय जिम्मेदार हैं। भर्ती के समय प्रत्येक उम्मीद्वार से 10 से 15 लाख रूपये लिया गया। देवेन्द्र पाण्डेय ने लगभग 10 करोड़ का भ्रष्टाचार किया है। 106 कर्मचारी नौकरी से बेदखल हो चुके हैं। अब 236 को बाहर निकाला जा रहा है। सभी की नियुक्ति को राज्य सरकार अवैध मान रही है। अटल ने कहा कि जब बैंक ने विज्ञापन निकाला, सलेक्शन कमेटी बनायी। उस समय राज्य सरकार क्या कर रही थी। कलेक्टर और पंजीयक कहां थे।
अटल श्रीवास्तव ने बताया कि कर्मचारियों से भारी लेन देन कर देवेन्द्र पाण्डेय ने आउट आॅफ टर्न पदोन्नत दिया। अब छ.ग. सरकार ने 161 कर्मचारियों को रिवर्ट करने का आदेश दिया है। बढ़े हुए वेतन की रिकवरी की बात की जा रही है। एक सामान्य कर्मचारी इतनी बड़ी राशि कैसे वापस कर सकता है? जिला सहकारी बैंक में भ्रष्टाचार की जांच कर रही समिति ने केवल पीड़ित पक्षों को ही निशाना बनाया है। दोषी अधिकारी कर्मचारी, संचालक मण्डल और पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय पर किसी भी प्रकार का आरोप तय नहीं किया गया है। पीड़ित कर्मचारी अपना अमूल्य समय तो गवाया ही सम्पत्ति भी गंवा दिया है।
अटल ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय शुरू से ही विवादित व्यक्ति रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर कई सोसाइटी को खुद के लाभ के लिए डिफाल्टर घोषित कर दिया। किसानों पर दबाव डालकर ब्याज दर पर ऋण की वसूली की। पाण्डेय ने भ्रष्टाचार की कमाई से मुंगेली में पावर प्लांट,कवर्धा में सुगर प्लांट और कोरबा में मेडिकल कालेज बनवाया है। जांच का विषय है कि किसी तरह पेट भरने वाला एक व्यक्ति सिर्फ पांच साल में अरबपति कैसे हो गया। अटल श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले को डिटायर्ड न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है। देवेन्द्र पाण्डेय के उपर एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ्तार करने को कहा है।