बिलासपुर।यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस के आव्हान पर बुधवार सुबह 10.30 बजे बिलासपुर के सभी बैंक कर्मचारी व अधिकारी ने स्टेट बैंक, मुख्य शाखा के सामने मे एकत्रित होकर 11वा वेतन समझौता शीघ्र करने, देना बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, विजया बैंक के संविलियन का विरोध, पांच दिन की वर्किंग, सभी के लिए मेनडेट, पेंशन अपडेशन की मांगों को लेकर जंगी हड़ताल व प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन नेतृत्व करते हुये यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस के संयोजक व ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फ़ेडरेशन छतीसगढ़ के सहायक महासचिव ललित अग्रवाल ने कहा कि एकीकरण से देश, समाज, आमजनता, कर्मचारी व बैंको को लेशमात्र भी फायदे के बजाय नुकसान ही नुकसान हो रहे है।
एक तो बैंक घाटे में जा रहें है। डीके हाटी व प्रल्हाद ने बताया कि देश की अर्थनीति तबाही की ओर जा रही है. पूर्व प्रधानमन्त्री श्रीमनमोहन सिंह जी द्वारा उद्घाटित ग्लोबल ट्र्स्ट बैंक ना केवल खुद घाटे में गया बल्कि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में विलय के बाद उसे भी घाटे में ले आया है।
राजेश रावत व राजेश शर्मा ने बताया कि एलआईसी व आईडीबीआई का भी यही हाल होने वाला है. सत्येंद्र सिंह ने बताया कि 2008 की वैश्विक मंदी में अमेरिका जैसे अनेको पूंजीवादी देशों की अर्थव्यवस्था धराशायी हो गई थी। उनकी तथाकथित विकास की चूले हिल गई थी। तब राष्ट्रीयकृत बैंकों की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था सिरमौर बनी थी।
अशोक ठाकुर व आनंद ने बताया कि सबक लेकर पश्चिमी देशों में भी बैंको के राष्ट्रीयकरण की संकल्पना की जा रही हैं। वही हमारे देश मे एकीकरण के नाम पर निजीकरण की साजिश रची जा रही हैं। जितेंद्र शुक्ला व मनोज मिरी ने बताया कि दुनिया भर के आंकड़े बता रहे है कि सदैव विलय के 70 से लेकर 90 फीसदी मामले फेल ही हुये है. समस्त बैंकर्स ने वेतन समझौता शीघ्र करने की मांग की।
आज के प्रदर्शन में सर्वश्री कैलाश अग्रवाल, अमित भावलकर, सुभाष राम, पार्थो घोष, रवि पटनायक, अविनाश तिग्गा, असगर खान, आलोक, मानस्मिता, शशि, सन्ध्या, दीपक साहू सहित बड़ी संख्या में बैंकर्स उपस्थित हुये।