दो जुलाई को दीपक के भाग्य का फैसला

BHASKAR MISHRA
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jila panchayatबिलासपुर— एक दिन पहले ही 18 सदस्यों ने संभागायुक्त निहारिका बारीक को सामुहिक रूप से पत्र देकर दीपक साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान किया है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की ताऱीख का अभी तक एलान नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि दो जुलाई को भाजपा संगठन के आला नेता नाराज सदस्यों को मनाने का अंतिम प्रयास करेंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर नया चेहरा होगा या नहीं 2 जुलाई को तस्वीर साफ हो जाएगी।

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                         एक दिन पहले कांग्रेस और भाजपा समर्थित जिला पंचायत के 18 सदस्यों ने संभागायुक्त को पत्र लिखकर दीपक साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान किया है। नाराज सदस्यों ने आरोप लगाया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष सामान्य सभा और प्रशासन की बैठक को लेकर कभी भी गंभीर नहीं दिखाई दिए। नाराज सदस्यों ने बताया कि दीपक साहू निर्माण कार्यों में अपनी मनमानी करते हैं। सदस्यों को किसी भी मुद्दे पर विश्वास में नहीं लिया। सभापति और सदस्यों के प्रति उन्होने हमेशा दुर्व्यवहार किया। चार बिन्दुओं की शिकायत को लेने के बाद संभागायुक्त निहारिका बारीक ने मुलाकात करने वाले सभी अठारह सदस्यों को मामले में जल्द ही सूचना देने को कहा है।

                                              अविश्वास प्रस्ताव एलान के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कुर्सी दौड़ भी शुरू हो गयी है। 2 जुलाई को संगठन बैठक में नाराज सदस्यों को मनाने का प्रयास किया जाएगा। दूसरी तरह भाजपा समर्थित सभी 16 विधायकों ने मन बना लिया है कि किसी भी सूरत में दीपक साहू को अध्यक्ष के रूप में बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

                                              संभागायुक्त में दिए गए अविश्वास पत्र में 18 में से 13 सदस्य भाजपा समर्थित हैं। समीरा पैकरा,शंकर और पृथ्वीपाल सिंह ने भी दीपक विरोधी खेमे का समर्थन किया है। कांग्रेस के 9 सदस्यों ने भी दीपक को हटाने का एलान किया है। संभागायुक्त को दिए गए अविश्वास पत्र में 18 में से 6 कांग्रेस के सदस्यों ने दस्तखत किया है।

                                  नाराज सदस्यों की अगुवाई ज्वाला प्रसाद सूर्यवंशी कर रहे हैं। ज्वाला प्रसाद ने आज जिला पंचायत अध्यक्ष की अनुपस्थिति में बैठक कर सभी सदस्यों को एक जुट रहने को कहा है। बैठक के दौरान संगठन के दवाब में नहीं आने की भी बात कही गयी है। एक सदस्य ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि यदि संगठन ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया तो भाजपा के 16 में से 15 लोग सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे।

                                         नाम नहीं छापने की सूरत में एक सदस्य ने बताया कि दीपक साहू ने जिला पंचायत को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। कुछ दिन पहले शिक्षाकर्मियों के लिए 99 पदों का विज्ञापन निकाला गया। दीपक के इशारे पर पदों की संख्या को घटाकर 52 कर दिया गया। सदस्यों को बताया गया कि 47 पदों की भर्ती अभी नहीं की जाएगी। बावजूद इसके दूसरे जिले के लोगों को लाकर 47 पदों को भर दिया गया। इसकी जानकारी ना तो सदस्यों को है और ना ही सभापति को। 52 पदों में अपनों को ही बाहर के जिले से लाकर एडजस्ट किया गया है।

                                 एक सदस्य ने बताया कि विकलांगों की भर्ती में भी भर्राशाही हुई है। दीपक साहू ने क्षेत्रों के विकास और शिकायतों को कभी गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए अध्यक्ष के चेहरे को बदलना जरूरी है। यदि संगठन ने बचाने का प्रयास किया तो जिला पंचायत सदस्य इस्तीफा देने से भी परहेज नहीं करेंगे।

                           जानकारी के अनुसार दीपक साहू को हटाने के लिए 22 लोगों ने समर्थन दिया है। बताया तो यह भी जा रहा है कि यह सब उपर के इशारे से हो रहा है।  कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा संगठन बैठक में दीपक साहू को पद से त्यागपत्र देने को कहा जाएगा।

                   अविश्वास प्रस्ताव के बाद अध्यक्ष पद की दौड़ में तीन चेहरे सामने आ रहे हैं। माखन पटेल,सुरेखा सुरेन्द्र और लल्लन चन्द्राकर का नाम प्रमुख है। बताया जा रहा है कि संगठन दीपक को हटाने की हरी झंडी दिखा देता है तो माखन पटेल और सुरेखा सुरेन्द्र में से किसी एक को जिला पंचायत अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जासकती है।

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