दो महीने से गायब पटवारी की होगी जांच

BHASKAR MISHRA
4 Min Read

imagesबिलासपुर— जिला प्रशासन ने हल्का नम्बर सात पटवारी संतोष पाण्डेय के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार संतोष पाण्डेय पिछले दो महीने से बिना बताए काम पर नहीं है। इसके पहले भी उन्होने स्थानान्तरण के बाद तीन महीने तक हल्का का बस्ता नहीं संभाला था। स्थानांतरण के तीन महीने बाद गिदौरी,नेवसा जाने के वजाय तहसील कार्यालय में एक महीने उन्होने ड्यूटी की। अब दो महीने से प्रशासन को बिना सूचना दिए गायब हैं। जिला प्रशासन ने पाण्डेय के खिलाफ जिम्मेदार अधिकारी को जांच का आदेश दिया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                               मालूम हो कि अक्टूबर 2016 में जिला प्रशासन ने पटवारियों को इधर से उधर किया था। इसी क्रम में कोनी पटवारी संतोष पाण्डेय का स्थानांतरण हल्का नम्बर सात गिधौरी,नेवास  स्थानान्तरण कर दिया गया। संतोष पाण्डेय ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हुए हड़ताल पर चले गए। उन्होने प्रशासन से नेवसा गिधौरी जाने से इंकार कर दिया। इस बीच प्रशासन ने लगातार तीन पत्र जारी किये लेकिन संतोष ने किसी जवाब नहीं दिया। दबी जुबान में कुछ लोगों ने बताया कि संतोष पाण्डेय ग्रामीण पटवारी क्षेत्र गिधौरी और नेवसा जाना नहीं चाहते हैं।

                                           बिलासपुर तहसीलदार देवी सिंह उइके ने बताया कि संतोष पाण्डेय ने स्थानांतरण के तीन महीने बाद तहसील में ज्वाइन किया था। ज्वाइनिंग के समय स्पष्टीकरण के साथ मेडिकल लीव दिया। एक महीने बाद बिना सूचना तहसील कार्यालय दो महीने से नहीं आ रहे हैं। नोटिस जारी किया गया है जवाब अभी तक नहीं मिला है।

                  मालूम हो कि स्थानांतरण के बाद संतोष पाण्डेय ने तीन महीने तक हल्का नहीं संभाला था । लेकिन इस दौरान उन्होने पटवारी हड़ताल कर जिला प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास किया। लेकिन शासन के सामने उनकी एक नहीं चली। नाराज पटवारी ने राजस्व महकमा, कलेक्टर और तहसीलदार के पत्रों का भी जवाब नहीं दिया। थकहार कर जिला प्रशासन को पटवारी हल्का नम्बर सात में प्रभारी पटवारी को भेजना पड़ा। लेकिन संतोष पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई।

                        तीन महीने बाद संतोष ने मेडिकल लीव जमा कर तहसील कार्यालय में ज्वाइनिंग दी। जबकि जिला प्रशासन को अच्छी तरह से मालूम है कि तीन महीने के दौरान संतोष पाण्डेय पटवारी संघ की गतिविधियों में सक्रिय थे। पांच दिनों तक उन्होने हड़ताल भी किया। बावजूद इसके बिना किसी कारण बताओँ नोटिस के ज्वाइन करवा लिया गया । जिससे लोगों का सन्देह पुख्ता हो चुका है कि संतोष  कोनी या मंगला के अलावा कहीं ज्वाइन नहीं करना चाहते हैं।

मेडिकल दिया..दो महीने से नदारद हैं संतोष

                             तहसीलदार देवी सिंह उइके ने बताया कि संतोष पाण्डेय ने तीन महीने का मेडिकल लीव दिया था। इसके बाद उन्हे तहसील में ज्वाइनिंग दी गयी। संतोष पाण्डेय को गिदौरी नेवसा ज्वाइन करने को कहा गया। लेकिन उन्होने इंकार कर दिया। एक महीने ड्यूटी के बाद वह दो महीने से नदारद हैं। संतोष पाण्डेय का दो महीने का वेतन जिला प्रशासन ने रोक दिया है। प्रशासन के निर्देश पर पाण्डेय को नोटिस भेजा गया है। उन्होने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। जवाब नहीं मिलने के बाद जिला प्रशासन ने पाण्डेय के खिलाफ जांच करने को कहा है।

                                      पाण्डेय की जांच कौन कर रहा है के सवाल को टालते हुए तहसीलदार देवी सिंह उइके ने कहा कि इसकी जानकारी कलेक्टर कार्यालय से मिलेगी। उन्होने जांच बिन्दुओ की भी जानकारी देने से इंकार कर दिया।

close