धर्म..जीवन पद्धति का मुख्य आधार-शैलेष पाण्डेय

Shri Mi
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IMG_20160508_172050_854बिलासपुर—गोवर्धनमठ पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के निर्देश पर शैलेष पाण्डेय को आदित्य वाहिनी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। 3 मई को राजधानी रायपुर में बैठक में सर्वसम्मति से श्री पाण्डेय को आदित्य वाहिनी का प्रदेश प्रभार दिया गया। प्रदेश में जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सभी आयोजन पाण्डेय ने नेतृत्व में होंगे। आज एक प्रेसवार्ता में आदित्य वाहिनी के नए प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में आदित्य वाहिनी के माध्यम से युवा शक्ति को संगठित किया जाएगा। पचास हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा।

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                                                           आदित्य वाहिनी के नए प्रदेश अध्यक्ष शैलेष पाण्डेय ने पत्रवार्ता में बताया कि  गोवर्धनमठ पुरी शंकराचार्य का छत्तीसगढ़ और यहां की जनता से बहुत लगाव है। प्रदेश में उनके पावन चरण पड़ते ही यहां की प्रकृति,मनुष्य जीव जन्तुओं में प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक प्रभाव दिखता है। पाण्डेय ने बताया कि जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निष्चलानंद सरस्वती के आशीर्वाद से पीठ परिषद, आदित्य वाहिनी और आनंद वाहिनी की स्थापना की गयी है। संगठन का मुख्य उद्देश्य धर्म ध्वज के नीचे रहते हुए सनातन धर्म को नयी ऊंचाई देना है। युवा शक्ति को धर्म के मार्ग पर चलना सीखना है। 3 मई को रायपुर में शंकराचार्य की अगुवाई में बैठक हुई । पाण्डेय ने बताया कि आदित्य वाहिनी का प्रदेश में तेजी से विस्तार किया जाएगा। आदिवासी अंचल से लेकर शहर तक अधिक से अधिक सस्दय बनाए जाएंगे।

          आज पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए आदित्य वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष शैलेष पाण्डेय ने बताया कि आज युवा भटकाव की स्थिति में है। धर्म का ज्ञान नहीं होने के कारण धर्म और कर्म दोनों से दूर होता जा रहा है। सनातन धर्म में नित्यकर्म,देव अराधना, संस्कार, आजीविका,गृहस्थ और संसार के सभी नियमों का उल्लेख शास्त्रों में स्पष्ट हैं। हमारे युवा साथी शास्त्र से दूर होने के कारण सनातन धर्म के संस्कार से भी विमुख होते जा रहे हैं। हमारी पहचान और विशेषता खत्म होती जा रही है। जीवन भटक गया है। आदित्य वाहिनी के माध्यम से प्रदेश के युवा शक्ति को जगाया जाएगा। पाण्डेय ने बताया कि धर्म जीने की कला है। यह कला ही हमें इंसान बनाती है।

                               एक सवाल के जवाब में उन्होने बताया कि आज विज्ञान का युग है। विज्ञान आज की मांग और लोगों की शक्ति है। लेकिन देखने में आया है कि लोग अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इन शक्तियों को जनहित में लगाने की जरूरत है। पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय का कुल सचिव होने के नाते मेरे लिए सभी बच्चे समान है। मेरा मानना है कि सभी लोग अपने धर्मों का निष्ठा का पालन करें। सभी धर्मों की अपनी अहमियत है। सनातन धर्म भी उनमें से एक है। हमारा काम होगा कि सनातन धर्म को मानने वालों को बताना है कि शास्त्रों के अनुशरण से विकास के साथ आत्मविश्वास को बल मिलता है।

        पाण्डेय ने बताया कि राजेन्द्र तिवारी की मौत का हमें गहरा दुख है। उसकी लड़ाई आदित्य वाहिनी अंत तक लड़ेगी। लेकिन परशुराम जयंती के साथ राजेन्द्र को जोड़ना उचित नहीं। आदित्य वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि अन्य पर्वों की तरह ही परशुराम जयंती भी एक पर्व है। इस दिन लोग अपने अराध्य के प्रति समर्पण का भाव जाहिर करते हैं। इसलिए मेरा मानना था कि राजेन्द्र तिवारी को इस पर्व से जोडना उचित नहीं होगा। लेकिन राजेन्द्र को न्याय मिले इसके कानून का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

                                        पाण्डेय ने कहा कि ना मैं चन्द्रगुप्त हूं और ना ही चाणक्य…मैं सेवक हूं..जो जिम्मेदारी जगतगुरू ने दी है उस पर खरा उतरने का भरसक प्रयास करूंगा। लेकिन यह सब लोगों के सहयोग और प्यार से ही होगा। अकेले कुछ नहीं होने वाला है। लोगों के सहयोग से ही आदित्य वाहिनी के कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। इसमें मीडिया जगत के सहयोग की भी उम्मीद है.

डाॅ. विवेक व डाॅ. प्रफूल्ल बने संयोजक

                     आदित्य वाहिनी प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि तीन मई को राजधानी रायपुर में बैठक के दौरान जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी निष्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने डाॅ. विवेक बाजपेयी को राष्ट्रोत्कर्ष अभियान का प्रदेश और डाॅ. प्रफुल्ल शर्मा को राष्ट्रोत्कर्ष अभियान का राष्ट्रीय संयोजक बनाया । बैठक में अभियान के लिए नीतियां भी तय की गयी। शंकराचार्य जी ने डाॅ. विवेक बाजपेयी और प्रफुल्ल शर्मा को अभियान के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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