धान खरीदी में छत्तीसगढ़ बना देश का मॉडल..गुप्ता

BHASKAR MISHRA
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IMG20161126162600बिलासपुर— अभी तक प्रदेश में सात लाख बहत्तर हजार मिट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के लिए जिला सहकारी बैंक से केन्द्रों तक आरटीजीएस से साढ़े ग्यारह हजार करोड़ से अधिक राशि भेजी गयी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में एक मॉडल के तहत धान खरीदी की व्यवस्था की गयी है। दूसरे प्रदेश के लोग धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ का अनुशरण कर रहे हैं। यह बातें आज प्रेसवार्ता के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता ने कही।

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                              पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राधाकृष्ण गुप्ता ने कहा कि इस 1988 केन्द्रों में राज्य सरकार 65 लाख मिट्रिक टन धान खरीदेगी। साढ़े सात लाख मेट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है। तीन लाख पच्चीस हजार गठान बारदानों की व्यवस्था सरकार ने की है। धान खरीदी के लिए विभिन्न बैंकों से 9 हजार 6 सौ करो़ड़ ऋण लिया गया है।

              एक सवाल के जवाब में राधाकृष्ण गुप्ता ने बताया कि किसानों को धान बिक्री को लेकर किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 42 मण्डियों और 72 उपमण्डियों में धान खरीदने की व्यवस्था की है। गुप्ता ने बताया कि सहकारी बैंको को प्रतिदिन पचास करोड़ रूपए किसानों को भुगतान के लिए चाहिए। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि सहकारी बैंको को व्यवसायी बैंकों से किसानों मजदूरों,कर्मचारियों के लिए पचास प्रतिशत राशि दिलाने का सुनिश्चित करें।

                            गुप्ता ने बताया कि नोटबंदी अभियान से कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा। देश के 95 प्रतिशत लोग नोटबंदी से खुश हैं। नक्सलियों,कालाधन रखने वालों की मोदी ने कमर तोड़ दी है। उन्होने बताया कि हजार और पांच सौ के पुराने नोट के प्रतिबंध के बाद भ्रष्टाचारियों,आतंकवादियों और नक्सलियों में बैचैनी है।

           एक अन्य सवाल के जवाब में गुप्ता ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार गरीब और किसान हितैषी सरकार है। यदि सहकारी बैंकों में नोटबंदी अभियान के दौरान लेने देन पर प्रतिबंध लगाया तो इससे किसानों को ही फायदा हुआ। कल तक जो लोग गरीबों और किसानों को तिरस्कार करते थे..आज वही लोग इनका इस्तेमाल ब्लैकमनी को व्हाइट मनी बनाने के लिए प्रयोग किया। लेकिन मोदी सरकार ने समय रहते सब कुछ भांप लिया। इसलिए सहकारी बैंक से लेन देने में प्रतिबंध लगाया। साथ ही किसानों को सरकार ने सुविधाएं भी दी। उन्हें नोटबंदी अभियान से परेशान होने की जरूरत नहीं है।

                              राधाकृष्ण गुप्ता ने बताया कि किसान अब बैंकों से 25 हजार रूपए सप्ताह में एक बार निकाल सकते हैं। समितियों में धान 31 जनवरी तक बेंच सकते हैं। उनके साथ अन्याय किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा।

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