रायपुर।छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से शुरू किए गए प्रयास विद्यालय से सुदूर इलाकों में रह रहे प्रतिभावान बच्चों की जिंदगी संवर रही है और उन्हे आगे बढ़ने का नया रास्ता मिल गया है। इनमें धुर नक्सली इलाके के बच्चे भी शामिल हैं। सुकमा जिले के एक ऐसे ही छात्र सोड़ी को प्रयास विद्यालय के जरिए IIT में दाखिला मिला और उसी जिंदगी में नया बदलाव आ गया। जिस पर आभार जताते हुए छात्र सोड़ी ने मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को अपने हाथ से लिखकर एक चिट्ठी भेजी। इस मार्मिक पत्र को डा. रमन सिंह ने अपने ट्वीटर पर शेयर किया है। जिस हम यहां जस-का-तस साझा कर रहे हैं।
डा. रमन सिंह के ट्वीटर पर लिखाः-
आईआईआईटी में पढ़ रहे, “प्रयास” विद्यालय के पूर्व छात्र सोड़ी देवा का पत्र आपसे शेयर कर रहा हूँ; यह पत्र हमारे युवाओं की प्रतिभा और उनके हालात को बदलने के जज़्बे की एक मिसाल है।
मैं सोड़ी देवा,पिता सोड़ी जोगा,ग्राम-करीगुंडम।तहसील-कोंटा ,जिला सुकमा का मूल निवासी हूँ।मेरे पिता एक कृषक है।मैंने प्राथमिक स्तर की पढ़ाई बालक आश्रम दोरनापाल मे और माध्यमिक अथवा हाइस्कूल की पढ़ाई शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोंटा से की है।मेरा परिवार वर्तमान मे ग्राम+पोस्ट कोंटा मे निवासरत है।जबकि हमारा मूल गृह ग्राम करीगुंडम है जहां से हमे नक्सलियों द्वारा बेदखल कर दिया गया।10वी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मैंने आपके द्वारा चलाये जा रहे “प्रयास संस्था” की प्रवेश परीक्षा दी थी।जिसमे मैं सफल रहा और काउन्सलिन्ग के माध्यम से प्रयास आवासीय विद्यालय,रायपुर मे प्रवेश मिला…और मैं इस आवासीय विद्यालय मे प्रशिक्षित शिक्षकों के सानिध्य मे रहकर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की बोर्ड परीक्षा के साथ साथ अन्य कई प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी की…और यहीं पर रहकर मैंने आईआईटी जेईई मेंस एवं जेईई एडवांस की परीक्षा उत्तीर्ण की।
जिसके माध्यम से मुझे “अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रोद्योगिकी संस्थान आईआईटी” नया रायपुर मे प्रवेश मिला।जहां अध्ययन करने का हर विद्यार्थी का सपना होता है।और इन सब से दूर मैं पहले हमारे जिला-सुकमा से बाहर अध्ययन कर पाने मे असमर्थ महसूस कर रहा था।लेकिन आपके द्वारा चलाये जा रहे संस्था के कारण मुझे ये अवसर मिला और मैं यहाँ तक आ पाया।जिसका मैं आपका तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।ऐसा सिर्फ मैं नहीं ,हर विद्यार्थी जो कम पैसो की वजहों से उच्च शिक्षा प्रपट करने मे असमर्थ थे,लेकिन आपकी सोच की वजह से आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे है।और आप ऐसे ही निरंतर जो छत्र पैसो की वजह से अच्छी शिक्षा प्राप्त करने मे असमर्थ है,उन्हे मार्गदर्शन प्रदान करते रहे।धन्यवाद सर !!