बिलासपुर—-प्रदेश में हरेली पर्व धूमधाम से मनाया गया। जगह जगह विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हरली को सावन महीने का पहला उत्सव कहा जाता है। सुबह उठकर किसानों ने विधि विधान से कृषि उपकरणों की पूजा अर्चना की। अच्छी फसल की कामना भी की। दोपहर को शहर के विभिन्न चौक चौराहों और मोहल्लों में नारियल फेंक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। युवाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। जगह जगर पौधे भी लगाए गए।
लोक पर्व हरेली अमावस्या को पूरे प्रदेश में धूम धाम से मनाया गया। सुबह उठते ही किसानों ने कृषि उपकरणों की विधि विधान से पूजा अर्चना की। उपकरणों की साफ.सफाई कर गुलाल लगाया। नारियल, चीला और गुड़ भेंटकर कुल देवता को प्रसन्न किया। ईष्टदेव से पूजा अर्चना के बाद अच्छी फसल होने का आशीर्वाद भी मांगा।
आम लोगों के जीवन में सावन महीने का बहुत ही महत्व है। किसानों के जीवन में सावन महीना और हरेली पर्व का विशेष स्थान है। छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व से सभी पर्वों की शुरूआत होती है। प्रदेश में हरेली उत्सव बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। किसान कृषि उपकरणों की साफ.सफाई कर कुछ दिन आराम करते हैं। इसके बाद फिर से खेती किसानी में जुट जाते हैं।
नारियल फेंक प्रतियोगिता
हरेली पर्व में नारियल फेंक और गेड़ी का विशेष महत्व है। नारियल फेंक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। निश्चित दूरी पर नालियल फेंकने वाले को विजेता घोषित किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे और युवा गेड़ी चढते हैं। तांत्रिकों में हरेली पर्व का बहुत महत्व है। हरेली अमावस्या पर तंत्र साधक अपनी शक्तियों को जागृत करते हैं। किसी रोग दोष से बचने के लिए लोग घरों और वाहनों में नीम की पत्तियां लगाते हैं।