बिलासपुर– महान समाज सुधारक और सिख पंथ के प्रणेता संत गुरूनानक देव जी का जन्मदिवस धूम धाम से मनाया गया। शहर के सभी गुरूद्वारों में आज शबद कीर्तन का दौर चला। श्रद्धालुओं ने गुरूद्वारा पहुंचकर गुरू प्रसाद ग्रहण कर गुरूनानक देव जी से आशीर्वाद लिया। इस मौके पर शहर के सभी सम्प्रदाय और वर्ग के लोग गुरूद्वारा पहुंचकर गुरू ग्रंथ साहब को नमन किया। साथ ही भक्तों ने शहर को साफ सुधरा बनाने का संकल्प भी लिया।
सिख पंथ के प्रथम और जनमानस के अराध्य गुरू गुरूनानक देव जी की जयंती को बिलासपुर में धूम धाम से मनाया गया। सिख समाज ने प्रकाश पर्व पर जगह-जगह लंगर का आयोजन किया। लंगर यानी में सभी धर्म वर्ग और सम्प्रदाय के लोगों ने शिरकत किया। नगर के सभी गुरूद्वारों में अमन शांति के लिए विशेष कीर्तन आयोजन किया गया । आयोजन में समाज सहित अन्य समाज के लोगों ने श्रद्धा भाव के साथ नानक वाणी का आनंद उठाया।
इस मौके पर संत समाज ने उपस्थित लोगों को मिलजुलकर देश और समाज को सुदृढ़ करने का आह्वान किया। संत समाज ने आम जनता से अपने नगर और प्रदेश के विकास के लिए गुरूदेव के अमिट वचन को अपनाने का संदेश दिया।
गोंडपारा गुरूद्वारा समित के सदस्य और भाजपा एल्डरमेन अमरजीत दुआ ने बताया कि प्रकाश पर्व पर आज सुबह से ही भक्तों का तांता देखने को मिला। अमीर से लेकर गरीब सभी धर्म और समुदाय के लोगों ने गुरू साहब के आशीर्वाद से साध संगत किया। अमरजीत ने बताया कि आज शाम से लेकर देर रात तक शबद कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। देश समाज को एकता और भाई चारे का संदेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंजाब से रागी जत्था शबद करेगा। इस मौके पर समाज समेत अन्य सम्प्रदाय के लोग भी शिरकत करेंगे।
अमरजीत दुआ ने नगर वासियों को प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि नानक देव ने हमेशा सत्य,समर्थ और सार्थक समाज की परिकल्पना की है। उन्होंने सबको एक सत्य राह पर चलने का संदेश दिया है। दुआ ने बताया कि नानक देव ने संदेश दिया है कि मानव ही नहीं संपूर्ण जीव जगत से लोगों को प्यार करना चाहिए। भेदभाव का समाज में कोई स्थान नहीं है।
दुआ ने बताया कि प्रकाश पर्व पर भव्य जुलुस निकाला गया। इस दौरान श्रद्धालुओं को खाद्य सामग्रियों का वितरण किया गया। कचरा फेंकने के लिए निर्धारित स्थान न होने के कारण श्रद्धालुओं ने कागज के प्लेट और गिलास को सड़कों पर ही फेंक दिया। इसके पहले इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रबुद्ध लोगों के प्रयास से जुलूस के पीछे सफाई सेवकों को तैनात किया गय़ा था। लोगों ने सफाई में सहयोग कर अपने आप को धन्य महसूस किया है।