नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की सुविधाओँ में बढ़ोतरी

Chief Editor
6 Min Read

naxal morcha

रायपुर ।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में पिछले महीने की 30 तारीख को हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों पर गृह विभाग की ओर से  त्वरित अमल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गृह विभाग नक्सल क्षेत्रों में तैनात जवानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। गृह विभाग के अधिकारियों ने  बताया कि मंत्रि-परिषद के फैसलों को लागू करने के लिए विभाग ने जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य शासन ने बस्तर राजस्व संभाग और राजनांदगांव जिले में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के वेतन, भत्तों और सुविधाओं में गृह विभाग ने भारी वृद्धि की है। इस आकर्षक पैकेज का लाभ बस्तर संभाग के सातों जिलों सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव एवं कांकेर तथा राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत पुलिस बल के जवानों, सहायक आरक्षकों (पूर्व नाम एस.पी.ओ.) और गोपनीय सैनिकों को मिलेगा। बढ़ी हुई सुविधाओं और भत्तों का लाभ एक जुलाई 2015 से दिया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 22 हजार पुलिस जवानों को इस बढ़े हुए वेतन और भत्तों का लाभ मिलेगा। इनमें 11 हजार नियमित आरक्षक शामिल हैं। वर्तमान में पुलिस बल के जवानों को प्रति माह राशन भत्ता के रूप में 650 रूपए और स्पेशल टॉस्क फोर्स को एक हजार 200 रूपए दिए जा रहे हैं। कैबिनेट के फैसले के बाद अब पुलिस बल के साथ ही सहायक आरक्षकों और गोपनीय सैनिकों को भी दो हजार रूपए तथा स्पेशल टॉस्क फोर्स को दो हजार दो सौ रूपए राशन भत्ता हर महीने दिए जाएंगे। राशन भत्ते के साथ ही नक्सल क्षेत्र भत्ते में भी खासी वृद्धि की गई है। अब अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में मूल वेतन का 50 प्रतिशत, संवेदनशील क्षेत्रों में 35 प्रतिशत और सामान्य क्षेत्रों में 15 प्रतिशत नक्सल क्षेत्र भत्ता दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में पदस्थ पुलिसकर्मियों को पहले नक्सल क्षेत्र भत्ता के रूप में मूल वेतन का केवल 15 से 20 फीसदी मिलता था।

नक्सल मोर्चे पर जूझ रहे जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए गृह विभाग ने वर्ष 2011 में भर्ती किए गए सहायक आरक्षकों के मूल वेतन में 800 रूपए की बढ़ोतरी की है। अब इन्हें हर महीने चार हजार 300 रूपए मूल वेतन मिलेगा। इस बढ़ोतरी के बाद सहायक आरक्षकों को विभिन्न भत्तों को मिलाकर मिलने वाला वेतन 14 हजार 144 रूपए हो जाएगा, जो कि पहले आठ हजार 900 रूपए था। आरक्षकों को मिलने वाला यात्रा भत्ता अब सहायक आरक्षकों को भी दिया जाएगा। यात्रा भत्ता के रूप में इन्हें हर महीने एक हजार रूपए मिलेंगे। सहायक आरक्षकों और गोपनीय सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए अब उन्हें भी पुलिस जवानों की तरह 25 लाख रूपए की बीमा सुरक्षा दी जाएगी। गृह विभाग ने 20 लाख रूपए के अक्षमता भत्ते का भी प्रावधान पुलिस बल सहित सहायक आरक्षकों और गोपनीय सैनिकों के लिए किया है।

नक्सल विरोधी अभियान को मजबूत करने के लिए बस्तर संभाग में गोपनीय सैनिकों के 150 नए पद बनाए  जा रहे हैं। इसे मिलाकर वहां गोपनीय सैनिकों की संख्या 608 हो जाएगी। नए गोपनीय सैनिकों की तैनाती बस्तर के सभी जिलों में की जाएगी। इनकी नियुक्ति आगामी चार वर्षों (वित्तीय वर्ष 2018-19 तक) के लिए होगी। खुफिया तंत्र को मजबूत करने के लिए बस्तर पुलिस रेंज के महानिरीक्षक और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को वित्तीय रूप से सशक्त किया जा रहा है। गोपनीय मद के तहत अब इन्हें हर माह पांच-पांच लाख रूपए दिए जाएंगे।

जंगल एवं पहुंच विहीन इलाकों में कठिन हालातों में लगातार नक्सलियों से लोहा ले रहे पुलिस बल और सहायक आरक्षकों को अच्छी क्वालिटी के जूते और कंधे पर टांगने वाले बैग दिए जाएंगे। पुलिस मुख्यालय द्वारा जूते की क्वालिटी का निर्धारण कर दो हजार रूपए कीमत के जूते जवानों को दिए जाएंगे। पहले 500 रूपए से 700 रूपए मूल्य के जूते जवानों को मिलते थे। नक्सल विरोधी ऑपरेशनों में जवानों को कई तरह के समान लेकर चलना होता है। उनके आराम के लिए अब एक हजार रूपए कीमत के अच्छी क्वालिटी के बैग दिए जाएंगे।

राज्य शासन बस्तर संभाग में कार्यरत पुलिस बल के लिए जगदलपुर में पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के माध्यम से एक सौ बिस्तरों का अत्याधुनिक अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर बनाएगी। इसका निर्माण सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी (PPP Model) से किया जाएगा। वर्तमान में गंभीर मरीजों और घायलों को रायपुर लाना पड़ता है, लेकिन बहुत जल्द उन्हें बेहतर उपचार की सुविधा जगदलपुर में ही मिलने लगेगी। इस अस्पताल में आम नागरिक भी अपना इलाज करवा सकेंगे।

 

close