नगरपालिका अध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग..कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया… शौचालय में रखा था पीडीएस का चावल..रिपोर्ट का इंतजार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर… जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कलेक्टर को पत्र लिखकर लाकडाउन के दौरान रतनपुर में नगरपालिका अध्यक्ष पर चावल वितरण घोटाला का आरोप लगाया। विजय ने कहा कि मामले में अभी तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आयी है। ऐसा लगता है कि खाद्य विभाग प्रशासन रतनपुर नगरपालिका अध्य़क्ष और अन्य दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहा है। बिजय ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि रतनपुर नगरपालिका अध्यक्ष के कार्यालय और शौचालय में गुचपचुप तरीके से चावल की 72 बोरियों को छिपाकर रखा गया था। मामले में अभी तक कार्रवाई नहीं की गयी है। 
 
             विजय केशरवानी ने जिला प्रशासन को दिए पत्र में बताया कि मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के तहत लॉकडाउन के दौरान बिना राशन कार्ड धारियों को पार्षद निधि से राशन दिए जाने का फैसला हुआ। प्रदेश समेत बिलासपुर जिले में योजना के तहत पार्षद निधि से रूपए लिए गए। साथ ही स्थानीय निकायों में इन्ही पैसों से राशन का वितरण किया गया।
 
         लेकिन रतनपुर नगर पालिका अध्यक्ष ने योजना मे पलीता लगाने का प्रयास किया। नगर पालिका अध्यक्ष और भाजपा नेता के कमरे और शौचालय से बड़ी मात्रा में पीडीएस का चावल बरामद किया गया। जांच पड़ताल में बंद चावल की एक दर्जन बोरियों पर आनंद मिल कोटा लॉट नम्बर 3223 लिखा पाया गया। मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दी गयी। खाद्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की। चावल की सभी 72 बोरी चावल बरामद किया गया। 
 
            कार्रवाई के दौरान नगरपालिका अध्यक्ष ने टीम को बताया कि चावल पार्षदों की निधी से खरीदा गया है। जानकारी दी कि चावल खरीदी के लिए टेण्डर निकाला गया है। इसकी जिम्मेदारी रतनपुर के ही एक व्यापारी की दो गयी। वहीं बाद में पूछताछ के दौरान व्यापारी ने टीम को बताया कि चावल खरीदी के लिए वर्क आर्डर दिया गया है..इस बात की उसे जानकारी नहीं है।
   
        विजय ने कहा पूरे मामले में तात्कालीन कलेक्टर ने जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक ना तो जांच रिपोर्ट सामने आयी और ना ही दोषियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई हुई है।
 
                  विजय ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि नगरपालिका अध्यक्ष और भाजपा नेता घनश्याम रात्रे को खाद्य टीम बचाना चाहती है। जबकि टीम ने ही घनश्याम रात्रे के चैम्बर और शौचालय में सरकारी चावल का अवैध स्टाक जब्त किया है।
 
                घटना के बाद जिले के सभी निकायों में पार्षद निधि से गरीबों को दिए गए राशन पर सवाल खड़ा हो गया। पार्षदों को शक है कि घनश्याम रात्रे की राशन दुकान संचालकों से मिलीभगत है। सोची समझी रणनीति के तहत सरकारी चावल का  दुबारा वितरण किया जा रहा है। विजय ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी निकायों में पार्षद निधि से खरीदे गए चावल की स्रोत की जानकारी मांगी जाए।  पता लगाया जाए कि आखिर अभी तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। 
 
                    विजय ने बताया कि जानकारी मिल रही है कि शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में स्टाक की भारी कमी है। जिससे जाहिर होता है कि निकायों में राशन दुकानों से ही चावल लिया गया होगा।  भाजपा से जुड़े दुकान संचालकों की भूमिका इसमें संदिध है । इसलिए मामले में जांच बहुत जरूरी है। भाजपायी मानसिकता के लोग मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
 
      कलेक्टर सारांश से शिकायत करने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय  केशरवानी, रतनपुर के पार्षदगण रमेश सूर्या,संजय कोसले, बिरिज मरावी,
पार्वती सन्तोष कुम्हार,खुशाल अनुरागी और  नीतू सिंह शामिल थीं।
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