रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को राज्य की निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं का कार्य युद्ध स्तर पर पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि प्रदेश के किसानों को इनका समुचित लाभ मिल सके। डॉ. सिंह सोमवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में इन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन परियोजनाओं में भू-अर्जन, मुआवजा और पुनर्वास के प्रकरण लंबित अथवा प्रक्रिया में हैं, समयबद्ध कार्यक्रम बनाकर उनका निराकरण भी तत्परता से किया जाए। संबंधित जिलों में कलेक्टर, राजस्व विभाग, जल संसाधन और वन विभाग के अधिकारी परस्पर समन्वय कर ऐसे प्रकरणों का निराकरण करें।
इसके अलावा जिन परियोजनाओं में नहरों का निर्माण चल रहा है, उनकी प्रगति की भी हर तीन माह में समीक्षा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई बैराजों के आसपास के गांवों में किसानों को सौर ऊर्जा आधारित पम्प उपलब्ध कराने के लिए भी अधिकारी कार्य योजना बनाकर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई करे।
मुख्यमंत्री ने आज की बैठक में उन परियोजनाओं की विशेष रूप से समीक्षा की जिन्हें अगले दो वर्ष के भीतर पूर्ण करने का लक्ष्य है। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि कई सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण में काफी तेजी आयी है और इनमें से कई प्रोजेक्ट्स से किसानों को पानी भी दिया जाने लगा है। अरपा-भैंसाझार परियोजना, जिसकी लागत लगभग 606 करोड़ 43 लाख रूपए है, उसका 74 प्रतिशत शीर्ष कार्य और 31 प्रतिशत नहर कार्य पूर्ण हो चुका है। इस परियोजना से बिलासपुर जिले के बिल्हा और तखतपुर क्षेत्र में लगभग 25 हजार हेक्टेयर में सिंचाई अनुमानित है।
मुख्यमंत्री ने महानदी परियोजना के अंतर्गत भाटापारा शाखा नहर और वितरक नहरों के निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि इसका लगभग 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। इस नहर से अंतिम छोर के गांवों और खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य हो रहे हैं। इस परियोजना को सोढूर सिंचाई परियोजना से भी जोड़ा गया है। भाटापारा शाखा नहर से तीन माह में लगभग दस हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित करने का लक्ष्य है।
डॉ. रमन सिंह ने जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं की नियमित रूप से समीक्षा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने रायगढ़ जिले की केलो सिंचाई परियोजना की भी समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने महानदी सहित विभिन्न नदी नालों में स्वीकृत और निर्माणाधीन परियोजनाओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली, जिनमें मिलौनी, कुदरी, समोदा, वसनपुर, सरडीह और कलमा बैराज तथा राजनांदगांव जिले में निर्माणाधीन मातुल डायवर्सन, खातूटोला बैराज, घुमका डायवर्सन, ठारा जलाशय, प्रधानपाठ बैराज, सूखा नाला प्रोजेक्ट, मोंगरा सिंचाई परियोजना भी शामिल हैं।