नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 12 याचिकाएं दायर

Shri Mi
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नईदिल्ली।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एस जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया सहित कई राजनीतिज्ञों, विभिन्न संगठनों एवं पूर्व राजनयिक ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम की वैधता को उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को चुनौती दी।श्री रमेश, सुश्री मोइत्रा और श्री सैकिया सहित 12 याचिकाकर्ताओं ने संबंधित संशोधित अधिनियम की वैधता को चुनौती दी है और इसे संविधान की प्रस्तावना एवं अनुच्छेद 14 और 21 के विरुद्ध करार दिया है।

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इस कानून के खिलाफ याचिकाएं दायर करने वाली हस्तियों में श्री रमेश, श्री सैकिया और सुश्री मोइत्रा के अलावा त्रिपुरा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रद्योत किशोर देव बर्मन, बंगलादेश में भारत के पूर्व उच्चायुक्त देव मुखर्जी, वकील मनोहर लाल शर्मा और पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के महासचिव फैयाजुद्दीन, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, पीस पार्टी तथा ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) शामिल हैं।

रिहाई मंच एवं सिटीजन्स एगेन्स्ट हेट ने संयुक्त रूप से एक याचिका तथा एहतशाम हाशमी एवं सिम्बायोसिस लॉ यूनिवर्सिटी की विधि छात्रा अपूर्वा जैन समेत पांच याचिकाकर्ताओं ने भी संयुक्त रूप से याचिका दायर की है।मिली जानकारी के अनुसार शीर्ष अदालत में 12 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं।

श्री रमेश ने संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 21 के तहत प्राप्त अधिकार को आधार बनाकर इस कानून को चुनौती दी है।
उन्होंने कहा कि संबंधित अधिनियम 1985 के असम समझौते का उल्लंघन है, जबकि श्री बर्मन ने कहा है कि यह कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है और समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

इससे पहले सुश्री मोइत्रा की याचिका की तत्काल सुनवाई से आज न्यायालय ने इन्कार कर दिया था। सुश्री मोइत्रा के वकील ने मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया। वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि याचिका को आज अथवा 16 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाये, लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति बोबडे ने वकील से कहा है कि वह इस मामले को मेशनिंग ऑफिसर के सामने उल्लेख करे। इस अधिनियम के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी कल ही शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पीस पार्टी, रिहाई मंच और वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी आज याचिका दायर की है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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