बिलासपुर—दिव्यांग नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोपी को विशेष न्यायाधीश ने पाक्सो एक्ट के तहत आरोपी को 10 सजा दी है। इसके अलावा आरोपी पर 50 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नही देने की सूरत में आरोपी को चार माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
पचपेड़ी थाना क्षेत्र में 7 मई 2017 को एक महिला अपनी 16 वर्षीय दिव्यांग बेटी को छोड़कर तालाब नहाने गयी। उस समय घर में दिव्यांग नाबालिग के अलावा कोई नहीं था। तालाब जाते समय दिव्यांग की मां ने बाहर से दरवाजा बन्द कर दी।
माँ के तालाब जाने के बाद गांव का ही कमल नारायण जगत पिता दरबारी सिंह उम्र दरवाजा खोलकर अंदर आया। दिव्यांग से मारपीट कर जबरदस्ती किया। चूंकि दिव्यांग तुतलाकर बोलती है और शरीर से कमजोर होने के कारण बलात्कारी का विरोध नहीं कर सकी।
करीब 10 बजे नाबालिग दिव्यांग की माँ तालाब से घर आई । पीड़िता ने घटना की जानकारी दी। मां ने पति के घर आने पर वस्तुस्थिति की जानकारी दी। पचपेड़ी थाना पहुंचकर रिपोर्ट लिखाई गई। पुलिस ने आरोपी को 10 मई 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
विशेष न्यायाधीश पाक्सो की अदालत में चालान पेश किया गया। न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए कहा कि अभियुक्त किसी भी प्रकार की दया के काबिल नहीं है। आरोपी को धारा 4 पाक्सो एक्ट में 10 वर्ष की कैद, 50 हजार जुर्माना लगाया है। धारा 450 में 5 वर्ष की कैद और 10 हजार रूपए जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना नही देने पर आरोपी को चार माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
पुनर्वास का निर्देश
दिव्यांग नाबालिग के साथ घोर अन्याय हुआ है। कोर्ट ने कहा कि उसे मानसिक और शारिरिक पीड़ा झेलनी पडी है। कोर्ट ने शासन को पीड़िता का पुनर्वास कराने का निर्देश दिया है।