नामांकन वापसी के बाद शुरू हुआ घमासान

BHASKAR MISHRA
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IMG20160822135357बिलासपुर— छात्रसंघ चुनाव 26 अगस्त को है। आज नामांकन वापिस लेने की अंतिम तारीख थी। कमोबेश सभी कालेजों में मुख्य मुकाबला एबीव्हीप और एनएसयूआई के बीच में है। कुछ छात्र संघ पैनल जोगी समर्थक भी हैं। महाविद्यालयों में गहमागहमी पूरे शवाब पर है। छात्र नेता अपने हक में माहौल बनाना शुरू कर दिया है।
              26 अगस्त को छात्र संघ का चुनाव है। आज शाम पांच बजे तक नामांकन वापिस  लेने के बाद प्रत्याशियों ने धुआँधार प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक शहर के प्रमुख कालेजों में 20 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। आठ सौ से अधिक छात्रों ने विभिन्न पदों के लिए फार्म भरा है।
             बिलासपुर विश्वविद्यालय के अन्दर आने वाले करीब 168 महाविद्यालयों में से 151 में ही चुनाव होना है। शहर के कुछ कालेजों को दो तीन महाविद्यालयों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। लिहाजा इन कालेजों में महाविद्यालय और प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। 10/25/2002 8:03 PM
               छात्र नेताओं के अनुसार हमेशा देखने में आया है कि हर साल चुनाव के पहले छुट्टी होती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। लेकिन इस बार चुनाव के ठीक एक दिन पहले कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व है। संभावना है कि आस पास के छात्र त्योहार मनाने के बाद वोट डालने जरूर पहुंचेंगे। लेकिन दूर दराज के छात्र शायद ही वोट डालने के लिए पहुंचें। बावजूद इसके खासकर नए छात्रों में छात्र संघ चुनाव को लेकर काफी दिलचस्पी है। संभावना है कि वोटिंग अच्छी होगी।
                 शहर के सबसे संवेदनशील सीएमडी कालेज में मतदान केंद्र और मतगणना स्थल पर सुरक्षा के व्यापक इंतेजाम किए गए हैं। पिछले चुनावों में मिली कुछ गंभीर शिकायतों के मद्देनजर इसबार मतदान केंद्रों और मतगणना स्थलों को गोपनीय तरीके से सीसी कैमरे की निगरानी रखा गया है। संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी।
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                                डीपी विप्र कालेज को प्रशासन ने संवेदनशील के दायरे में रखा है। इसी तरह जमुना प्रसाद वर्मा कालेज की भी स्थिति है। अभी एक दिन पहले ही कुछ लोगों ने अध्यक्ष पद के दो उम्मीदवारों को कालेज कैम्पस से अपहरण कर लिया था। 24 घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया। जमुना प्रसाद कालेज को भी प्रशासन ने अतिसंवेदनशील माना है। आज भी वहां प्राचार्य और छात्र प्रत्याशियों की बीच तू-तू मैं मैं की बात सामने आयी है। इसके पहले पुलिस प्राचार्य कक्ष तक पहुंचती मामला शांत हो चुका था।
            साइंस कालेज में हमेशा कि तरह इस बार भी शांत वातावरण दिखाई दिया। यहां सालों से एबीव्हीपी संगठन का दबदबा है। लेकिन इस बार चुनाव दिलचस्प होगा। एबीव्हीपी संगठन में यहां दो फाड़ अभी से दिखाई दे रहा है। नवीन कन्या महाविद्यालय में मामला एबीव्हीपी के पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है।

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