नाराज स्वास्थ्य मंत्री ने कहा…आप टेन्डर निकाले..मैं .इतने रूपए में करूंगा काम…सिम्स डीन के उड़ गए होश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—एक दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री टीेएस सिंहदेव का बिलासपुर प्रवास सिम्स प्रबंधन पर भारी पड़ा है। दिन भर ताबड़तोड़ बैठक के दौरान सिम्स प्रबंधन को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के कई रूप देखने को मिला। इस दौरान सिम्स के कामकाज को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने नाराजगी जाहिर की। व्यवस्था पर अंसतोष जताया। प्रबंधन के खिलाफ छात्र मरीज और सफाई कर्मचारियों की शिकायत को सुनने के बाद प्रबंधन को जमकर फटकारा भी।

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           सूत्रों के अनुसार एक दिन पहले सिम्स प्रबंधन पर स्वास्थ्य मंत्री का दौरा सिम्स प्रबंधन पर बहुत भारी पड़ा है। स्वास्थ्य मंत्री ने दिन भर सिम्स प्रबंधन के साथ बैठक की। मंत्री ने छात्राओं की मांग पर हॉस्टल का भ्रमण किया। इस दौरान छात्राओं नेे हास्टल की बदहाली को स्वास्थ्य मंत्री के सामने रखा। छात्राओं ने बताया कि हास्टल के कमोबेश सभी कमरो में सिपेज की शिकायत है। जगह जगह प्लास्टर निकल गए हैं। ग्रिल भी टूट चुका है। खिड़कियों का कांच भी टूट गया है।

                          छात्राओं ने कहा कई बार मरम्मत के लिए प्रबंधन को आवेदन दिया। लेकिन प्रबंधन ने मामले को गंभीरता नहीं लेते हुए शिकायत को कचरे की टोकरी में डाल में डाल दिया। टीएस  ने भी छात्राओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए स्थिति का जायजा लिया।

                            इसके बाद सिम्स प्रबंधन के साथ बैठक में सिंहदेव ने छात्राओं की शिकायत को दूर नहीं किए जाने का कारण पूछा। सिंहदेव ने कहा जब सिम्स के पास करोड़ों का फंड है… फिर हास्टल की मरम्मत क्यों नहीं हुई। सवाल सुनते ही  सिम्स के डीन पात्रा ने बताया कि चूंकि मरम्मत में सवा करोड़ रूपए से अधिक खर्च आएगा। इसलिए अन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मरम्मत की तरफ ध्यान नहीं दिया गया।

                              डीन के मुंह से सवा करोड़ खर्च की बात सुनते ही स्वास्थ्य मंत्री का चेहरा तमतमा गया। डीन को समझाने का प्रयास किया कि मरम्मत में दस लाख से अधिक खर्च नहीं आएगा। लेकिन डीन ने कहा कि महोदय करोड़ो रूपए लग जाएँगे। डीन के मुंह से दुबारा करोड़ों की बात सुनते ही बाबा ने कहा कि आप टेन्डर निकाले…टेन्डर की अधिकतम राशि दस लाख रूपए निर्धारित करें। मैं दस लाख में हास्टल का मरम्मत कार्य करके दिखाउंगा। बहानेबाजी और फंड का रोना दुबारा नहीं होना चाहिए। हमें मालूम है कि कौन सा काम कितने रूपए में हो सकता है। सरकारी धन की लूट किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

        स्वास्थ्य मंत्री के तेवर देखते ही बैठक में सन्नाटा पसर गया। प्रबंधन के सभी कर्मचारी सकते में आ गए। बाबा ने फिर से दुहराया आप टेन्डर निकाले हम दस लाख के अन्दर मरम्मत कार्य को पूरा करके दिखाएंगे। स्वास्थ्य ंमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि जल्द ही हास्टल का दुबारा निरीक्षण करने आउंगा। विश्वास है कि तब तक मरम्मत कार्य पूरा हो जाएगा।

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