नारायणपुर-लॉकडाउन में फंसे छात्र श्रेयास सकुशल लौटे,बेमेतरा की छात्रा ममता की मदद कर लाये साथ

Shri Mi
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नारायणपुर।राजस्थान के कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के छात्र-छात्राओं का विगत मंगलवार से आना शुरू हो गया है। नारायणपुर के छात्र श्रेयास सिन्हा, पुत्र विशोका नन्द सिन्हा जयपुर में मेडिकल की कोचिंग कर रहे थे। वे भी शनिवार 2 मई को जयपुर से कोटा पहुँचकर सकुशल वापस आ गये है। उन्हें नारायणपुर के पड़ोसी ज़िला कांकेर में 14 दिन तक क्वारटींन सेंटर में रखा गया है। देश के सबसे बड़े कोचिंग हब कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को लाने के लिए छत्तीसगढ़ से लगभग 97 बसें राजस्थान के कोटा लिए पिछले महीने 26 अप्रैल को रवाना हुई थीं ।छात्र श्रेयास सिन्हा जो जयपुर में नीट की तैयारी कर रही थे, उनका कहना है कि हॉस्टल में खाने की थोड़ी परेशानी आ रही थी। बाहर सामान लेने नहीं जा पा रहे थे, और नारायणपुर में माँ-पापा भी परेशान हो रहे थे, लेकिन अब वो यहां आकर खुश हैं।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

समाचार और पिता से जानकारी मिली कि कोटा बसें आयेंगी पर उसके आसपास ज़िलों और जयपुर में तैयारी करने वाले छात्रों के बारे में कोई ज़िक्र नही था, तो मन उदास हो जाता था। लेकिन कहते है अन्त भला तो सब भला। श्रेयास ने बताया कि वह जयपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर निकल आए थे। उन्हें फ़ोन पर जानकारी मिली की छत्तीसगढ़ जिले बेमतरा की छात्रा ममता साहू भी जयपुर में फँसी है। बिना देर किए वापस टेक्सी जयपुर के वापस लौटे और ममता को अपने साथ टैक्सी में कोटा तक लाए।

छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी श्री मुकेश कोठारी ने उनकी सराहना की। ममता और उसके माँ-पिता ने उनका धन्यवाद किया। कुछ छात्रों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से वो खुद को अकेला महसूस कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें घर की याद आ रही थी। लेकिन खाने- पीने को लेकर ज्यादा दिक्कत नहीं आ रही थी। अपने राज्य लौटने पर सभी छात्रों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का शुक्रिया अदा किया ।

अधिकांश बसों की यहाँ पहुंचते ही सारे छात्रों की स्क्रीनिंग कराई गई। उनमें नारायणपुर के तीन छात्र और एक छात्रा शामिल थी। इनकी जांच के लिए चार टीमें लगाई गई हैं। जिलों के आधार पर इनकी स्क्रीनिंग की गई। साथ ही अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस और लॉकडाउन से जुड़े नियम की जानकारी भी दी गई। क्वारनटीन के 14 दिन पूरा होने के बाद यहां से इन छात्र-छात्राओं को इनके परिवार को सौंपा जाएगा। देश के सबसे बड़े कोचिंग हब कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को लाने के लिए लगभग 97 बसें राजस्थान के कोटा लिए विगत 26 अप्रैल को रवाना हुई थी।

श्रेयास के माता-पिता ने क्षेत्रीय विधायक चंदन कश्यप सहित छत्तीसगढ़ के उपायुक्त परिवहन अंशुमन सिसोदिया, पुलिस अधीक्षक जयपुर (कलवाड) कवेंद्र सागर का तहेदिल से आभार और धन्यवाद व्यक्त किया है। स्थानीय प्रशासन के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसे समय में और तेज़ी से काम करने की ज़रूरत बतायी। पिता सिन्हा ने बताया कि पुलिस अधीक्षक सागर ने काफ़ी मदद की बच्चे को टैक्सी कराकर पास बनवाकर कोटा तक भेजने में उनका योगदान रहा। मुख्यमंत्री के इस निर्णय को उन्होंने स्वागत किया । 

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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