ना डिग्री ना सर्टिफिकेट…फर्जी अंकसूची से बना जैंटलमेन

BHASKAR MISHRA
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wall_searchबिलासपुर–अजब है लेकिन सच है…जहां अजब है..वहींं गजब है…मिनीमाता हसदो बांगो कार्यालय में भी ऐसा ही कुछ है। एक कर्मचारी की फर्श से अर्श तक की यात्रा किसी तिलस्म से कम नहीं है। सब कुछ हिन्दवाद सिन्दवाद की कहानी की तरह…। एक साल बाद कर्मचारी रिटायर्ड भी हो जाएगा…इसके पहले उसकी कहानी दफन हो जाती सीजी वाल ने सर्च कर साहसिक कर्मचारी का चिट्ठा सबके सामने रखने का फैसला किया है।

                     मीनिमाता हसदो बागो सिंचाई विभाग का यह कर्मचारी अरेबियन नाइट्स की कहानियों की हीरो की तरह है…कुछ सिन्दवाद और हिन्दवाद की  तरह…। 33 साल से सिंचाई विभाग को अपनी फर्जी फोटोकापी वाली अंकसूची के सहारे सेवा दिया। बताया जा रहा है कि वह एक साल बाद अपर ग्रेड क्लर्क एक का तमगा लेकर रिटायर्ड हो जाएगा। रिटायर्ड होना सामान्य प्रक्रिया है…लेकिन भारतीय संस्करण के बिलासपुरिया हिन्दवाद की कहानी कम दिलचस्प नहीं है। सैकड़ों कर्मचारियों के आखों में धूल छोंककर उसने कई इन्क्रीमेंट का लाभ उठाया। प्लम्बर से ग्रेड 2 क्लर्क बन गया।  यह जानते हुए भी उसके पास दस्तावेजों के नाम पर कुछ भी नहीं है। आज भी वह शुक्रगुजार है उन अधिकारियों, कर्मचारियों का जिसने ईमानदारी के साथ बेइमानी के काम में सहयोग दिया।

                         मिनीमाता हसदेव बांगो कर्मचारी की नौकरी करीब तैंतीस साल पहले टायपिंग के बेस में लगी थी। बाद में उसने कहीं से ग्रेजुएट की डिग्री भी हासिल कर लिया। जाहिर सी बात है कि उसके पास 11 वीं बोर्ड की भी मार्कसीट होगी। लेकिन छानबीन के बाद पता चला कि 11 वीं अंकसूची भी फर्जी है। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल ने विभाग को लिखित में बताया है कि इस नाम और पता का कोई भी व्यक्ति 11 वीं की परीक्षा नहीं दी है। मजेदार बात यह है कि इस कर्मचारी के पास आठवीं का भी सर्टिफिकेट नहीं है।

                           चूंकि कर्मचारी की भर्ती बिलासपुर में ही हुई..इसलिए उसकी तमन्ना है कि एक साल बाद वह बिलासपुर से ही रिटायर्ड हो…। इसके पीछे की कहानी समझने के लिए किसी को माथा पच्ची करने की जरूरत नहीं है। उसने पिछला दो प्रमोशन इसी विभाग और उसी सेक्शन में लिया। जब भी अधिकारी ने मार्कसीट और अन्य दस्तावेज मांगा उसने फोटोकाफी से फोटोकाफी करवा के दे दिया। लेकिन आज तक विभाग में ना तो टायपिंग पास सर्टिफिकेट जमा किया है और ना ही 11 वी और ग्रेजुएट का मार्कसीट…।

                               नाम नहीं छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि मंत्रालय को इसकी जानकारी है..लेकिन बाबू के पास पैसे बहुत हैं…। स्थानीय स्तर  सरपरस्त कर्मचारी और यूनियन के नेताओं का उसे आशीर्वाद हासिल है..। जब भी कोई आरटीआई से जानकारी मांगता है तो सरपरस्त कर्मचारी और यूनियन के नेता जानकारी लेने वालों को घो घो रानी का पाठ पढ़़ाकर विदा कर देते हैं। सीजी वाल को उस व्यक्ति ने बताया कि मिनीमाता हसदेव बांगो कार्यालय के एक एक व्यक्ति को पता है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने लिखित में जानकारी दी है कि कर्मचारी के पास कोई सर्टिफिकेट नहीं है।

                 हां एक बार जरूर एक अधिकारी ने टायपिंग पास सर्टिफिकेट को मांगा था..। अधिकारी की सक्रियता बाद में ठंडे बस्ते में चली गयी। जबकि कर्मचारी के पास नौकरी ज्वाइनिंग करने के दस्तावेज भी नहीं है। बावजूद इसके अभी तक किसी ने उसका बाल भी टेढ़ा नही किया। यह जानते हुए भी बाबू के पास ना तो टायपिंग पास सर्टिफिकेट है ना ही ज्वाइनिंग की कापी और ना ही अंकसूची । स्कूल की बात दो दूर…उसने जहां से ग्रेजुएट किया..वह महाविद्यालय भी अस्तित्व में नहीं है।  यदि उसके पास है तो प्रमोशन और इंक्रीमेंट की लम्बी सूची…। सीजी वाल ने मामले को संजीदगी के साथ सामने लाने का फैसला किया है…। इसलिए पढ़ते रहिए सीजी वाल

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