सूरजपुर-जिला मुख्यालय से लगे हुए बिश्रामपुर में कुछ दुकानदार छोटे व्यापारी और कुछ आम नागरिक कोरोना महामारी को निमंत्रण देने का काम कर रहे हैं। ये कुछ लोग मास्क को जेब मे रख कर या मास्क को नाक के नीच पहन कर या फिर गमछे से मुह नाक ढकना छोड़ गमछे को सर में बांध कर खुल्लम खुल्ला व्यापार कर रहे है। कई आम नागरिक भी बाजार या दुकानों में बिना मास्क लगाये घूम रहे है। बड़े किराना स्टोरो में लगा सीसी टीवी इस का एक बड़ा साक्ष्य है।कोरोना काल के दौर में लॉक डाउन के दौरान केंद्र और राज्यों के द्वारा बनाए गए नियमो का खुला उलंधन विश्रामपुर जैसे जिले के प्रमुख नगर में हो रहा है तो बाकि अन्य स्थानों की कल्पना करना और भी सरल होगा।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
कोरोना काल मे व्यवस्थाओं के गुण दोष को लागू करने में हर जगह प्रशासन की कार्रवाई का भय और पुलिस का डंडा कारगर नही हो सकता है। लोगो को समझना होगा कि अगर कोरोना काल मे जीना है तो कोरोना से बचाव के लिए शासन के दिशा निर्देशों का पालन करना ही होगा।सुबह और शाम होते ही सतपता, SECL कालोनी, शांतिनगर में लोग बिना मास्क लागए वाकिंग पर निकल रहे। महिलाओं और बच्चों का झुंड सोशल डिस्टेंसिग के नियमो को तार तार कर रहा है। बिश्रामपुर में शाम होते ही टहलने वाले शिक्षित और समृद्ध जान पड़ने वाले कुछ लोग खुद का हाजमा ठीक करने के चक्कर मे दूसरों का हाजमा बिगड़ने वाले है।
बिश्रामपुर कोरोना संक्रमण से मुक्त है। इस कड़ी को बनाये रखने में बिश्रामपुर के कई नागरिक शासन के कोरोना वायरस पर दिए दिशा निर्देशों का बखूबी पालन कर रहे है। परन्तु कुछ दुकानदार और नागरिक शासन प्रशासन को ठेंगा दिखा कर मास्क को जेब मे लेकर घूम रहे है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कोरोना काल के अब तक के दौर में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कोरोना वारियर्स के रूप में तन और मन से बहुत अच्छी सेवा की है। इनका त्याग और तपस्या व्यर्थ नही जाना चाहिए। जो बिश्रामपुर के स्थानीय लोग घर के बाहर सोशल डिस्टेंसिग और मास्क का उपयोग नही कर रहे है और बेवजह वॉकिंग कर रहे है ऐसे लोगो पर नियमतः कार्यवाही होनी चाहिए। हजारों लोगों की तपस्या को कुछ मुट्ठी भर लोग भंग नहीं कर सकते है।