बिलासपुर– हंगामा के बीच सामान्य सभा में निगम का भारी भरकम बजट उत्तीर्ण हो गया। महापौर ने आज सदन के सामने पांच अरब 90 करोड़ 26 लाख 52 हजार का बजट निगम के टाउन हाल में पेश किया। बहुमत दल ने कांग्रेसियों के हंगामे के बीच बजट को ध्वनीमत से पारित कर दिया। कांग्रेसियों ने मेयर के अभिभाषण के दौरान जमकर नारेबाजी और शोर शराबा किया। लेकिन किशोर राय हंगामे को अनसुनी करते हुए बजट अभिभाषण पढ़ते रहे। अभिभाषण खत्म होते ही हंगामे चलते सभापति ने हंगामे को देखते हुए डेढ घंटे का भोजनावकाश घोषित कर किया। हंगामे के बाद भी कांग्रसी पार्षद सत्तादल पर बजट लीक करने का आरोप लगाते रहे। इस दौरान समेकित कांग्रेस ने बजट प्रक्रिया और गोपनीयता के सवाल पर अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए महापौर पर निशाना साधा।
सभापति के आदेश पर आज ठीक 12 बजकर 30 मिनट पर सामान्य का आगाज हुआ। निगम सचिव ने कार्रवाई के प्रारंभ में 13 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव एक से आठ तक दोनों पक्षों ने एकमत में प्रस्ताव पर सहमति दिखाई। लेकिन प्रस्ताव क्रमांक 9 पर एतराज जाहिर करते हुए कांग्रेसियोंने जमकर हंगामा मचाया। कांग्रेस पार्षद पंचराम ने तो हाथ से माइक भी फेंक दिया। कांग्रेस नेता तैयब हुसैन ने प्रस्ताव क्रमांक 9 आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि एसोसिएट्स कंपनी को आखिर किस लिए 9 लाख चालिस हजार दिए जाएं। जैसा कि प्रस्ताव में लिखा गया है। जवाब में महापौर ने कहा कि यह प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। दिया नही गया है। शहजादी कुरैशी ने कहा कि जब सिवरेज का काम निगम के इंजीनियर करते हैं तो एसोसिएट्स कंपनी का इस पर कोई हक नहीं बनता है। शहजादी कुरैशी ने आरोप लगाया कि सिवरेज के कार्य से निगम इंजीनियर पर अतिरिक्त बोझ डाला गया है। इसलिए एसोसिएट्स कंपनी के लिए किसी प्रकार का प्रावधान नहीं बनता है। महापौर ने बताया कि निगम इंजीनियर अपनी कार्रवाई करते हैं। कार्यों को सुपर विजन करते हैं। अतिरिक्त दबाव का सवाल ही नहीं उठता है।
समान्य सभा में प्रस्ताव के चर्चा के बाद महापौर किशोर राय ने बजट पढ़ना शुरू किया। इसी बीच विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर बजट लीक करने का आरोप लगाते हुए सदन में जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया। विपक्ष हंगामा मचाते हुए अभिभाषण को रोकने का भी प्रयास किया। कांग्रेसी गर्भ गृह में घुस गए। सभापति को बताया कि बजट का एक हिस्सा स्थानीय मीडिया में छाप दिया गया है। जो कानूनन अपराध है। इसी बीच भाजपा पार्षद भी गर्भ गृह में प्रवेश कर कांग्रेस के आरोपों को एक सिरे से खारिज करने का प्रयास किया। इस दौरान महापौर बजट अभिभाषण पढ़ते रहे। गर्भ गृह में घुसकर कांग्रेसियों ने बजट लीक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही महापौर पर भी निशाना साधा। हंगामे के मद्देनजर सभापति अशोक विधानी ने भोजनावकाश की घोषणा की।
भोजनावकाश के बाद कांग्रेस पार्षद ने सदन में कहा कि बजट को सदन में रखने के पहले ना तो एमआईसी में पेश किया गया। ना ही अधिनियमों का पालन किया गया। इसलिए अधिकारी और महापौर दोषी हैं। निगम सचिव ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 25 साल से बजट पेश किया जा रहा है। किसी ने नियमों का पालन नहीं किया। अभी तक जिस परंपरा से बजट पेश किया जाता था। उन्हीं परंपराओं का पालन किया गया।
इसके पहले बजट प्रक्रिया को लेकर तैयब हुसैन और व्ही रामा राव के बीच जमकर कहा सुनी हुई। रामाराव ने कहा कि वाणी राव के शासन काल में कांग्रेस को अधिनियम क्यों नहीं याद आयी। अब अधिनियमों की दुहाई क्यों दी जा रही है। जैसा कि परंपरा में है उसी का पालन इस बजट में देखने को मिला। नियमों की दुहाई देने वाले कांग्रेसियों को अपना गिरेबान देखना होगा। यदि ऐसा नहीं करते हैं तो वे चुल्लू भर पानी में डूबकी लगाएं। देखते ही देखते मामला गंभीर हो गया। इसी दौरान महापौर ने ध्वनिमत से बजट को पारित करवा लिया।
बजट में योजनाएं
सत्र 2016-17 के निगम बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना की सुविधा,अटल नवीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन,ट्रांसपोर्ट नगर योजना,भूमिगत सिवरेज योजना,आई.एच.एस.डी.पी योजना,स्मार्ट सिटी योजना,पालिका बाजार योजना,अधोंसंरचना विकास,कर्मचारी विकास योजना पर विशेष बल दिया गया है।
कांग्रेसियों के पास ना दृष्टि है और ना ही दृष्टिकोण। ऐसे में उनसे बजट और पूर्वानुमान के बीच अंतर समझने की उम्मीद करना उचित नहीं है। बजट लीक होने का सवाल ही नहीं उठता है। मीडिया का अपना पूर्वानुमान है। इसलिए यह कोई मुद्दा भी नहीं है। यदि मुद्दा होता तो उन्हें रखना चाहिए। कांग्रेसी सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध करते हैं। इसी विरोध ने उन्हें कहां खड़ा किया है। बताने की जरूरत नहीं है। बजट में कोई नया कर नहीं है। जनहित का बजट है। बजट में विकास कार्यों और जनता की सुविधाओं को केन्द्र में रखा गया है।
किशोर राय–महापौर, नगर निगम बिलासपुर
विपक्ष का नाम विरोध
कांग्रेस ने विकास के रास्ते को दरकिनार कर विरोध के रास्ते को अपनाया है। बजट जैसे गंभीर मुद्दों पर उनसे गंभीरता की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस को सदन की मर्यादाओं को ध्यान में रखना चाहिए।
अशोक विधानी..सभापति,नगर निगम बिलासपुर
बजट लीक के आरोपों की जांच की जाएगी। यह गंभीर मामला है। बजट के पूर्व सावधानियों में किसी प्रकार की चूक नहीं हुई है। बावजूद इसके मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जाएगी।
रानू साहू..निगम आयुक्त बिलासपुर
संवैधानिक अपराध
सदन में पेश किया गया बजट मीडिया में लीक हो गया है। यह गोपनीयता और संवैधानिक उल्लंघन है। बजट को जानबूझकर लीक किया गया है। इसके पीछे कौन है। इसकी जांच जरूरी है। हमने मामले को गंभीरता से लेत हुए निकाय मंत्री,संभागायुक्त,कलेक्टर और निगम आयुक्त को पत्र लिखकर जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
शेख नजरूद्दीन— नेता प्रतिपक्ष नगर निगम बिलासपुर