निगम चुनाव घमासानःकांग्रेस शहर अध्यक्ष पर दोहरा दबाव…36 और 40 में होगी दावेदारों की अग्नि परीक्षा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—विधानसभा लोकसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव ने भी दस्तक दे दिया है। एक डे़ढ़ महीने बाद आदर्श आचार संहिता लग जाएगी। प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया जाएगा। खासकर 13 नगर निगम बिलासपुर में आरक्षण निर्धारण के बाद चुनावी सरगर्मियां तेज हो गयी है। नगर पंचायतों और नगरपालिकाओं में भी चुनावी सुगबुगाहट देखने को मिल रहा है । बिलासपुर निगम क्षेत्र विस्तार के बाद मतदाताओं में समय से पहले संभावित प्रत्याशियों के नाम जानने की दिलचस्पी भी बढ़ गयी है। स्मार्ट सिटी बनने और सीमा विस्तार के बाद बिलासपुर नगर निगम का पहला चुनाव होगा। एक नगर पालिका,दो नगर पंचायत समेत 15 ग्राम पंचायतों के शामिल होने से बिलासपुर नगर निगम की ना केवल आबादी बढ़ी है…बल्कि क्षेत्र भी बढ़ गया है। पढ़िए सीजीवाल में निगम क्षेत्र के 1 से 70 वार्डों की चुनावी रिपोर्ट–

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                                                  अप्रत्यक्ष चुनाव घोषणा के बाद धीरे धीरे प्रत्याशियों का चेहरा साफ दिखाई देने लगा है। लोग वार्ड नेताओं का मन टटोलकर खुद की स्थिति का आंकलन कर रहे हैं। संगठन के अन्दर और बाहर बेचैनियां बढ़ गयी हैं। टिकट दावेदारों का भी दवाब बढ़ रहा है। परिसिमन के बाद बदले हालात में पुराने पार्षद नए वार्ड में सेंधमारी कर अपनी स्थिति को मजबूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

वार्ड क्रमांक–36 – बसंतभाई पटेल नगर…सामान्य

                   पिछली बार यह वार्ड अनुसूचित जन जाति के लिए आरक्षित था। भाजपा के रोशनराशी यहां से वर्तमान पार्षद हैं। परिसीमन के बाद समुचा कतियापारा के साथ जूना बिलासपुर को शामिल किया गया है। यद्यपि वार्ड पार्षद भाजपा का है। लेकिन बदले हालत में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है। कांग्रेस से ब्लाक कमेटी 2 के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला को लड़ाया जा सकता है। अरविन्द शुक्ला की वार्ड मतदाताओं के बीच अच्छी दखल है। संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर काबिज नेताओं का उन्हें आशीर्वाद हासिल है। शहर कांग्रेस कार्यकारिणी नेता अरविन्द के समर्थन में खड़े नजर आ रहे है। मतदाताओं से जीवन्त सम्बन्ध भी है। प्रदेश महामंत्री और सरकार के आलानेताओं से अरविन्द के रिश्ते बहुत अच्छे है।

                               कांग्रेस से आशुतोष शुक्ला भी टिकट के दावेदार हैं। आशुतोष का सामाजिक कार्यो में अच्छी दखल है। वाणी राव के नजदीकी माने जाते हैं। बदले हालात में आशुतोष ने जोगी कांग्रेस का दामन छोड़कर कांग्रेस में दुबारा प्रवेश किया है। अनुराग पाण्डेय भी टिकट के दावेदार हैं। पूर्व पार्षद संदीप ऊर्फ पप्पू वाजपेयी भी टिकट के गंभीर दावेदार हैं।

वार्ड क्रमांक–37–इंदिरा नगर—अन्य पिछड़ा वर्ग..महिला

परिसीमन के बाद वार्ड में यादवों के बड़े क्षेत्र को जोड़ा गया है। वार्ड में ऋषि कालोनी, आदर्श कालोनी,टिकरापारा का क्षेत्र शामिल हैं। यहां भाजपा के बड़े नेता सुरेन्द्र गुम्बर का बहुत प्रभाव है। कांग्रेस नेता जसबीर गुम्बर और यशपाल दुआ का भी मतदाताओं में दखल है। वर्तमान में भाजपा नेता कृष्णा रजक की पत्नी लक्ष्मी रजक पार्षद हैं। जाहिर सी बात है कि भाजपा नेता सुरेन्द्र गुम्बर एक बार फिर लक्ष्मी रजक को चुनाव लड़वा सकते हैं। कांग्रेस  एक बार फिर शमशेर की पत्नी सजरून्निसा को मैदान में उतार सकती है। फिलहाल स्पष्ट कुछ भी नहीं है। लेकिन कांग्रेस के अन्दर खाने से खबर है कि यादव मोहल्ला से किसी चेहरे पर दांव लगाया जा सकता है। वार्ड में यादव समाज निर्णाय वोटर साबित होंगे।

वार्ड क्रमांक–38..तात्याटोपे नगर—अन्य पिछड़ा वर्ग

टिकरापारा और आस पास के ज्यादातर क्षेत्र तात्याटोपेनगर में शामिल है। वर्तमान में कांग्रेस की पार्षद सुनीता नामदेव गोयल है। कांग्रेस संगठन एक बार फिर सुनीता गोयल को मैदान में उतार सकता है। सुनीता के पति जुगल गोयल का नाम कांग्रेस के सक्रिय और जुझारू नेताओं में शुमार किया जाता है। इसके अलावा कांग्रेस की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष महंत के गुड़बुक में शामिल पूर्व पार्षद प्रत्याशी सावित्रि जायसवाल भी मैदान में उतरने को तैयार हैं। भाजपा संगठन के अन्दर से हासिल खबर पर विश्वास करें तो जयश्री चौकसे इस बार भी कमल निशान पर चुनाव लड़ेंगी। मण्डल अध्यक्ष को भरोसा है कि इस बार जयश्री चौकसे मजबूत दावेदार साबित होने वाली हैं। इसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता विनोद श्रीवास, सुभाष मौर्य भी मैदान में उतरने को तैयार हैं।

वार्ड क्रमांक–39 शहीद भगत सिंहनगर…सामान्य

पुराना वार्ड 38 भगत सिंह नगर और वार्ड क्रमांक 37 को मिलाकर वार्ड क्रमांक 39 शहीद भगतसिंह नगर वार्ड का गठन किया गया है। वर्तमान में भगत सिंह वार्ड के पार्षद मण्डल अध्यक्ष उदयमजुमदार और रामदास नगर के पार्षद दिनेश देवांगन है। काफी संभावना है कि इस बार यहां से भाजपा से उदयमजुमदार को उतारा जाएगा। उदय मजुमदार भाजपा के मण्डल अध्यक्ष हैं। टिकट वितरण के समय अहम भूमिका रहेगी। माना जा रहा है कि मजुमदार का नाम मेयर के दावेदारों वाली सूची में भी शामिल है। उदय मजुमदार को पूर्व निकाय मंत्री का करीबी माना जाता है। माना जा रहा है कि वर्तमान पार्षद दिनेश देवांगन भी टिकट की दावेदारी कर सकते हैं। पूर्व पार्षद हसमुख कोठारी का भी नाम टिकट दावेदारों में शामिल हैं।

क्षेत्र में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा लाल्टू घोष का होगा। लाल्टू का नाम टिकट के प्रमुख दावेदारों में शुुमार है। लेकिन कांग्रेस यहां से बहुत बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। पूर्व एमआईसी स्वर्गीय प्रियनाथ तिवारी ऊर्फ पिंकी तिवारी की पत्नी को कांग्रेसी चुनाव लड़ाना चाहते हैं। बहरहाल कांग्रेस संगठन ने फैसला कर लिया है। अब पिंकी तिवारी की पत्नी को मनाने का प्रयास किया जाएगा। बताते चलें कि पिंकी तिवारी का घर वार्ड क्रमांक 39 में ही है। अपने समय में पिंकी तिवारी की गिनती दबंग पार्षदों में होती थी। कुछ साल पहले कैंसर से उनकी मौत हो गयी। वार्ड से पिंकी तिवारी परिवार से बहुत नजदीकी रखने वाले और कांग्रेस के सक्रिय नेता राहुल शर्मा भी टिकट मिलने पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

वार्ड क्रमांक—40–महाराणा प्रताप नगर–सामान्य

महाराणा प्रताप नगर वार्ड में परिसीमन के बाद उमेश चन्द्र कुमार के पुराने वार्ड का हिस्सा दयालबन्द और तोरवा क्षेत्र के हिस्सों को शामिल किया गया है। जैसा वार्ड का नाम है ..कुछ उसी अंदाज के यहां टिकट दावेदार है। पूरी संभावना है कि चुनावी नजारा भी कुछ हल्दीघाटी वाला होगा। रामदास नगर वार्ड क्रमांक 37 के वर्तमान पार्षद उमेशचन्द्र कुमार का यहां से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ना निश्चित है। अलग बात है कि यहां भाजपा से टिकट की दावेदारी पूर्व  पार्षद शेषनारायण और वर्तमान पार्षद मोती देवांगन भी करेंगे। लेकिन तीन बार के पार्षद और किशोर राय के एमआईसी उमेशचन्द्र का यहां से चुनाव लड़ना निश्चित है।

उमेश के खिलाफ महाराणा प्रताप नगर वार्ड से कांग्रेस के दिग्गज नेता दावेदारी करेंगे और कर भी रहे हैं। वार्ड चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से एक से बढ़कर एक बड़े नाम ने अपना नाम बढ़ाया है। प्रदेश युवा कांग्रेस नेता और अध्यक्ष महेन्द्र गंगोत्री कांग्रेस की तरफ से बड़ा चेहरा है। पूरी संभावना है कि टिकट हासिल कर चुनाव लड़ें। आखिर मेयर भी तो पार्षदों के बीच से बनेगा। इसके अलावा सक्रिय नेता करम गोरख भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। पिछली बार उन्हें भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। सक्रिय नेता दिनेश सीरिया, अनिल गोरख,मोहन गोले, सुबोध केशरी और  संजय पानिकर टिकट की चाहत रखते हैं।

अन्दर की खबर पर विश्वास करें तो संगठन जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष और मेयर के प्रबल दावेदार नरेन्द्र बोलर भी वार्ड क्रमांक 40 से पार्षद का चुनाव लड़ सकते हैं। संगठन लगातार बोलर पर दबाव भी बना रहा है। जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 40 का बोलर से घनिष्ठ पारिवारिक रिश्ता है। संगठन को विश्वास है कि पारिवारिक रिश्ता का फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा। बहरहाल बोलर पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि अपने ससुराल क्षेत्र से चुनाव लड़ें और मेयर की दावेदारी भी करें।

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