निगम चुनाव घमासानःपहले इंकार अब दावेदार…सर्वाधिक मतों वाले वार्ड में भारी गुस्सा…दांव पर बड़े नाम वालों की प्रतिष्ठा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—विधानसभा लोकसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव ने भी दस्तक दे दिया है। एक डे़ढ़ महीने बाद आदर्श आचार संहिता लग जाएगी। प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया जाएगा। खासकर 13 नगर निगम बिलासपुर में आरक्षण निर्धारण के बाद चुनावी सरगर्मियां तेज हो गयी है। नगर पंचायतों और नगरपालिकाओं में भी चुनावी सुगबुगाहट देखने को मिल रहा है । बिलासपुर निगम क्षेत्र विस्तार के बाद मतदाताओं में समय से पहले संभावित प्रत्याशियों के नाम जानने की दिलचस्पी भी बढ़ गयी है। स्मार्ट सिटी बनने और सीमा विस्तार के बाद बिलासपुर नगर निगम का पहला चुनाव होगा। एक नगर पालिका,दो नगर पंचायत समेत 15 ग्राम पंचायतों के शामिल होने से बिलासपुर नगर निगम की ना केवल आबादी बढ़ी है…बल्कि क्षेत्र भी बढ़ गया है। पढ़िए सीजीवाल में निगम क्षेत्र के 1 से 70 वार्डों की चुनावी रिपोर्ट–

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                                   समिति का फैसला हो चुका है कि प्रदेश निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष का फैसला पार्षद मिलकर करेंगे। राज्यपाल के दरबार में फैसले पर मुहर लगने के बाद निकाय चुनाव अब ईव्हीएम से ना होकर बैलेट से होगा। ऐसा 20 साल बाद होगा कि निकाय चुनाव एक बार फिर मुहर लगाने से ही पार्षदों की किस्मत का फैसला होगा। बहरहाल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के फैसले का विरोध करना निश्चित किया है। फैसला जो होना है वह होकर रहेगा। बात करते हैं निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशी और प्रत्याशी के बहाने मेयर बनने की रणनीति की।

वार्ड क्रमांक 31..लाला लाजपत नगर…सामान्य

                          परिसीमन के बाद  लाला लाजपतनगर को दो पुराने वार्ड क्रमांक 23 और 27 को मिलाकर बनाया गया है। पुराना वार्ड क्रमांक 23 शहीद अशफाकउल्लाह वार्ड से इस समय मुकीम कुरैशी पार्षद हैं। जबकि वार्ड क्रमांक 27 लाला लाजपत नगर से कांग्रेस नेत्री शहजादी कुरैशी पार्षद हैं। शहजादी कुरैशी पुरानी कांग्रेस नेत्री है। जोगी ने जब नई पार्टी का गठन किया तो शहजादी कुरैशी जनता कांग्रेस में चली गयी। करीब तीन साल बाद लौटकर अपने पुराने घर नेशनल कांग्रेस लौट आयी है। शहजादी कुरैशी परिसीमन के बाद दोनों वार्डों को मिलाकर बनाए गए नए वार्ड से चुनाव लड़ना चाहती हैं।परिसीमन के बाद वार्ड में मतदाताओं की कुल संख्या 5762 है।

सामान्य वार्ड और मेयर का चुनाव अप्रत्यक्ष होने की घोषणा के बाद लाला लाजपतनगर में प्रत्याशी को लेकर घमासान निश्चित हैं। यहां दावेदारों की संख्या बहुत अधिक है। अब वे नेता भी चुनाव लड़ना चाहते हैं…जो कल तक पार्षद की टिकट बांटते थे। मेयर की दावेदारी करने के लिए पुराने  कांग्रेसी और पार्षद रह चुके अशोक अग्रवाल टिकट की दावेदारी कर सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस सचिव डॉ.विवेक वाजपेयी भी सक्रिय हो गए हैं।

विवेक वाजपेयी यहां से मतदाता भी है। उनका पुराना मोहल्ला और घर भी इसी वार्ड में है। कांग्रेस के .युवा चेहरा विधायक सचिव फराज,शाश्वत तिवारी और संदीप वाजपेयी भी पार्षद टिकट की दावेदारी करने का मन बनाया है।

                   भारतीय जनता पार्टी यहां से वरिष्ठ नेत्री और तीन बार की पार्षद रह चुकी स्नेहलता शर्मा को मैदान में जरूर उतारेगी। मेयर अशोक पिंगले के कार्यकाल में स्नेहलता शर्मा एमआईसी सदस्य रह चुकी हैं।

जल विभाग की प्रभारी भी रही हैं। इसके अलावा राजेश मिश्रा भी यहां से टिकट दावेदारी करेंगे। राजेश मिश्रा को पिछली बार कांग्रेस नेता तैय्यब हुसैन के हाथों हार मिली है। राजेश मिश्रा की पत्नी वर्तमान में वार्ड क्रमांक 21 की पार्षद हैं।

वार्ड क्रमांक..32…शहीद विनोद चौबे..सामान्य वर्ग महिला

                              परिसीमन के बाद वार्ड का नाम शहीद विनोद चौबे के नाम से सामने आया। वार्ड में वर्तमान कांग्रेस पार्षद तैय्यब हुसैन का अच्छा प्रभाव है। जाहिर सी बात है कि वार्ड से कौन लड़ेगा इस फैसले में तैय्यब की राय का महत्व होगा। यद्यपि तैय्यब ने परिवार के किसी सदस्य को मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया है।

वार्ड में मतदाताओं की कुल संख्या 5911 है। कांग्रेस पार्टी यहां से मंजू त्रिपाठी या सुदेश नन्दनी ठाकुर को मैदान से उतार सकती है। यद्यपि दोनों ही एक बार मैदान हार चुके हैं।भारतीय जनता पार्टी ऊषा मिश्रा को मैदान में उतारे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। ऊषा मिश्रा वर्तमान में पार्षद भी हैं। चन्द्रिका साहू भी प्रबल दावेदार हैं। दो बार पार्षद रह चुकी हैं। मेयर उमाशंकर जायसवाल के समय एमआईसी मेम्बर और विभाग प्रभारी भी रही हैं।

वार्ड क्रमांक 33…गांधीनगर वार्ड….सामान्य वर्ग 3740

परिसीमन के पहले से वर्तमान पार्षद  कांग्रेस के थिंक टैंकर शैलेन्द्र जायसवाल हैं। शैलेन्द्र जायसवाल ने सीट पर भाजपा से दो बार के पार्षद रह चुके राममोहन सोनी को हराकर कब्जा किया। शैलेन्द्र जायसवाल पिछले पांच साल से कांग्रेस संगठन और निगम राजनीति के केन्द्र में हैं। कांग्रेस पार्टी के लिए कई आंदोलन में सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया है। निगम में कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता भी हैं।

वार्ड में कामकाज भी कराया है। अपनी कार्यशैली को लेकर शैलेन्द्र जायसवाल संगठन और निगम की कमोबेश सभी गतिविधियों को लेकर पांच साल से पत्र पत्रिकाओं की सुर्खियों में रहे हैं। यहां से उन्हें टिकट मिलना निश्चित है। कांग्रेस से नासिर खान और श्याम कश्यप भी दावेदारी करेंगे।

परिसीमन के बाद वार्ड में पुराना गांधी नगर का 60 प्रतिशत हिस्सा के अलावा निराला नगर, तेलीपारा का आधा हिस्सा,लिंकरोड,मित्रविहार क्षेत्र को शामिल किया गया है। यह क्षेत्र कभी वार्ड क्रमांक 28 का हिस्सा हुआ करता था। वर्तमान में यहां की पार्षद रजनी सोनी हैं। रजनी सोनी भाजपा के दिग्गज पार्षद नेता दुर्गा सोनी की पत्नी हैं। इस बार पूर्व पार्षद दुर्गा सोनी ने चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की है। दुर्गा सोनी निगम चुनाव में दिग्गज पार्षद नेता बसंत शर्मा को हरा चुके हैं। पति पत्नी दोनों एक एक बार पार्षद रह चुके हैं। जाहिर सी बात है कि इस बार भी उनकी दावेदारी मजबूत होगी।

वार्ड में वर्तमान मेयर किशोर राय का भी निवास स्थल है। यद्यपि चुनाव नहीं लड़ने की मंशा जाहिर कर चुके हैं। चूकि अब मेयर का रास्ता पार्षद से होकर नकलेगा तो उनकी दावेदारी से इंकार नहीं किया जा सकता है। भाजपा से रंगानादम भी टिकट दावेदार हैं। रंगानादम पांच साल पहले कांग्रेस से जम्प कर भाजपा में आए है। इस समय युवा मोर्चा कार्यकर्ता हैं। मुकेश नामदेव भी भाजपा से दावेदारी करेंगे।

वार्ड क्रमांक–34….संत रविदास नगर…सामान्य

परिसीमन के समय यह वार्ड सर्वाधिक विवादों में रहा। कांग्रेस के अन्दर से वार्ड परिसीमन के समय जानकारी आयी कि वार्ड के कुछ हिस्सों को जानबूझकर थोपा गया है। जबकि इस हिस्से को किसी अन्य वार्ड में शामिल किया जा सकता था। यह निगम का सर्वाधिक मतदाता वाला वार्ड है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 11226 है। यह वार्ड चार वार्डों के हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है। वार्ड में गांधीनगर का 40 प्रतिशत हिस्सा समेत रविवदास नगर,निराला नगर का कुछ क्षेत्र,सरयू बगीचा का पूरे हिस्से को लिया गया है। दुर्गा सोनी का पुराना वार्ड समेत करबला और कश्यप कालोनी फजलबाड़ा,मसानगंज,महिला थाना क्षेत्र भी संतरविदास नगर वार्ड में शामिल है।

परिसीमन के बाद वार्ड विस्तार को देखते हुए पहले तो कोई भी कांग्रेसी यहां से दावेदारी करने से बचता रहा। जब से मेयर अप्रत्यक्ष चुनाव का मामला सामने आया। यहां से कांग्रेस में दावेदारी करने वालो की लम्बी लाइन लग गयी।ब्लाक कांग्रेस 2 के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला का घर भी इसी वार्ड में है। लेकिन उन्होने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। स्थानीय विधायक के नजदीकी विक्की टिकट की दावेदारी जरूर करेंगे। अखिलेश गुप्ता भी दावेदारों में शामिल हैं। दोनों पिछला चुनाव हार चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत के नजदीकी कहे जाने वाले वैभव तिवारी की गिनती वार्ड प्रबल टिकट दावेदारों में हो रही है।

पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय पाण्डेय यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। संभावना भी है कि वह चुनाव लड़ेंगें और मेयर की दावेदारी भी करेंगे। कांग्रेस से बूथ कार्यकर्ता और जुझारू कार्यकर्ता शंकर कश्यप भी टिकट दावेदारों में शामिल हैं। शंकर कश्यप शहर कांग्रेस सचिव भी हैं।

भारतीय जनता पार्टी यहां से वार्ड 29 के पार्षद राजकुमार पमनानी,  28 के पूर्व पार्षद दुर्गा सोनी, 34 के पूर्व पार्षद राममोहन सोनी, 22 के पूर्व पार्षद राजेश मिश्रा में से किसी को भी टिकट दे सकती है। राजेश मिश्रा एमआईसी सदस्य रह चुके हैं। राजकुमार पमनानी और दुर्गा सोनी पार्षद की जमात में बड़ा चेहरा हैं। अरविन्द बोलर भी टिकट दावेदारों की कतार में खड़े हैं।

वार्ड क्रमांक—35 नागोराव शेख नगर–अन्य पिछड़ा वर्ग महिला

परिसीमन के बाद वार्ड में मतदाताओं की कुल संख्या 6171 है। यहां देवांगन और पटेल मतदाताओं की बहुलता है। नागोराव शेष नगर वार्ड में दिग्गज कांग्रेसियों का निवास स्थान है। वार्ड में जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर,  पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष और वर्तमान में मेयर के दादेदारों में शामिल विजय पाण्डेय,जिला कांग्रेस प्रवक्ता ऋषि पाण्डेय के साथ ही महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष सीमा पाण्डेय का घर है। निश्चित रूप से इस बार नरेन्द्र,विजय,ऋषि और सीमा पाण्डेय की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। सीमा पाण्डेय और करम गोरख एक बार चुनाव हार चुके हैं। नरेन्द्र बोलर को अपने वार्ड में भतीजे और भाजपा नेता अरविन्द बोलर से चुनौती मिलेगी।

वार्ड 35 का गठन 30 और 31 मिलाकर किया गया है। वर्तमान में वार्ड पर कांग्रेस पार्षद धनराज देवांगन का कब्जा है। धनराज देवांगन इस बार अपनी भाभी गायत्री देवांगन के लिए दावेदारी करेंगे। कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता और वार्ड का जाना पहचाना चेहरा निलेश माढ़ेवार की पत्नी पूनम माढ़ेवार कांग्रेस की मजबूत दावेदारों में शामिल है। पूनम माढ़ेवार महिला मोर्चा की सक्रिय कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी हैं।

भाजपा पूर्व पार्षद स्वर्गीय शंकर रजक की पत्नी बीना रजक पर दांव आजमा सकती है। शंकर रजक को आज भी वार्ड के लोग सम्मान से याद करते हैं। अपने समय भाजपा के नगर अध्यक्ष रहे हैं। मेयर अशोक पिंगले के कार्यकाल में एमआईसी सदस्य की भूमिका का निर्वहन किया था। जाहिर सी बात है कि बीना रजक की मजबूत दावेदारी बनती है।

पिछली बार भाजपा से मेयर की दौड़ में सबसे तेज भाग रहे ओमप्रकाश देवांगन भी टिकट के दावेदार हैं। यदि भाजपा ने ओमप्रकाश को टिकट दिया तो देवांगन समाज का फायदा मिल सकता है। फिलहाल ओमप्रकाश देवांगन पार्टी में साइड लाइन में चल रहे हैं। विधानसभा चुनाव के समय सभी लोगों ने मेयर की टिकट नहीं मिलने पर ओमप्रकाश की नाराजगी को करीब से देखा है।

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