निगम में डीज़ल का टोटा..सफाई व्यवस्था ठप–शैलेन्द्र

BHASKAR MISHRA
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SMART_CITY_BITE_SHAILENDRA 005बिलासपुर— नगर निगम में साफ सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। गाड़ियां दो दिनों से खड़ी हैं। डीजल नहीं होने के कारण सफाई व्यवस्था के अलावा अन्य जरूरी का पर भी प्रभाव पड़ा है। कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि नोटबंदी के बाद निगम को करोड़ों का राजस्व फायदा हुआ। बावजूद इसके विकास कार्यों में गति देखने को नहीं मिल रही है। शैलेन्द्र ने बताया कि यदि दस करोड़ रूपए का भुगतान नहीं किया गया तो बिजली भी कट सकती है।

                                   शैलेन्द्र जाससवाल ने बताया कि निगम की गाड़ियां दो दिनों से खड़ीं हैं। सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है। महापौर हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। पिछले 6 महीनों से सफाई ठेकेदारों को भी भुगतान नहीं किया गया है। बिलासपुर शहर कचरों के ढेर पर आ गया है। शैलेन्द्र ने बताया कि नोटबंदी अभियान के दौरान निगम के खजाने में करोड़ों रूपए राजस्व का इजाफा हुआ। रूपए कहां गए इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है। जबकि निगम को दस करोड़ रूपए बिजली बिल का भुगतान करना है। यदि भुगतान सही समय पर नहीं किया गया तो किसी समय भी बिजली विभाग पावर कर कर देगा। बावजूद इसके महापौर को जनता की परेशानी को लेकर कोई परेशानी नहीं है।

                      शैलेन्द्र ने बताया कि निगम की कार्यप्रणाली से तंग आ चुकी है। चौराहों पर जगह जगह सिवरेज के बेतरतीब गड्ढे खोदकर मौत को बुलावा दे रहे हैं। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। अब से पहले बिलासपुर की जनता इतनी परेशान नहीं थी। जितनी इन दिनों है। निगम पेट्रोल पंप में पिछले दो दिनों से डीजल नहीं है। जिसके चलते करीब 80 से अधिक गाड़ियां खड़ी हो गयी हैं। सफाई गाड़ियों के नहीं चलने से शहर में कचरों का ढेर लग गया है। आम जनता दुर्गन्ध से परेशान है। निगम को रोजाना लाखों रूपए का नुकसान भी रहा है।

                कांग्रेस पार्षद दल के प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर निगम बजट को लेकर गंभीर नहीं है। पिछली सामान्य सभा की बैठक चार महीने पहले हुई थी। जिसके चलते शहर का विकास कार्य प्रभावित हुआ है। इस विकास का कोई भी प्रस्ताव नहीं लाया गया।

               शैलेन्द्र ने कहा कि कांग्रेस पार्षद दल की मांग है कि सामान्य सभा की बैठक बुलाई जाए। सामान्य सभा में शहर की समस्याओं पर चर्चा हो। चूंकि शहर की समस्या के लिए सीधे तौर पर महापौर जिम्मेदार हैं। इसलिए सामान्य सभा में महापौर को जबाव देना होगा। जबाव से बचने के लिए ही सामान्य सभा को नहीं बुलाया जा रहा है। जायसवाल ने बताया कि यदि सामान्य सभा आयोजित नहीं की जाती है। कांग्रेस पार्षद दल महापौर का  न केवल घेराव करेगा..बल्कि जनता के साथ उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर भी होगा।

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