रायपुर— पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा के नाम पर मनमानी नौनिहालों,छात्रों और पालकों से एनसीईआरटी की किताबों की जगह निजी प्रकाशकों से किताबे क्रय करने को षड़यंत्र होना बताया है। षड़यंत्र में स्कूल भी सम्मिलित हैं। निजी स्कूल प्रकाशकों की किताबें एनणसीईआरटी के नाम पर निजी स्थानों से क्रय करने की जानकारियां देकर छात्र और पालकों का शोषण कमीशन के फायदे के लिये कर रहे हैं।
जोगी ने कहा कि गोरखधंधे को राज्य सरकार का समर्थन मिल रहा है। इसमें एनसीईआरटी के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद भी एनसीईआरटी की किताबें छपकर नहीं आई हैं। यह षडयंत्र नहीं तो और क्या है…। जोगी ने बताया कि इस कार्य में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार की बू आ रही है। एनसीईआरटी की किताबें सस्ते में छात्रों और पालकों को उपलब्ध हो सकती हैं। वहीं स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें महंगे दर में मिल रही हैं। जाहिर सी बात है कि इसमें कमीशन भी खूब मिल रहा है।
जोगी ने कहा कि एनसीईआरटी की किताबों में एमआरपी के बाद भी 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती है। निजी प्रकाशन की किताबों की एमआरपी दर पर बिक्री की जा रही है। जिन पर 20 से 50 प्रतिशत तक छूट है। इस छूट को निजी स्कूल अपने फायदे के लिए पालकों और छात्रों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। जोगी ने कहा कि इससे न केवल छात्रों का बौद्धिक स्तर बिगड़ रहा है बल्कि अपने निजी फायदे के लिए निजी प्रकाशकों की किताबें जो कि मान्यता प्राप्त एनसीईआरटी से अलग हैं सिलेबस से बाहर जाकर पठनीय सामग्री दी जा रही है।
किन्तु सरकार ध्यान न देकर स्कूलों के फायदे के लिए आर्थिक शोषण के साथ.साथ बौद्धिक शोषण कर वास्तविक पठनीय सामग्री को मान्य कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।