बिलासपुर—निपनिया वासियों ने एक बार फिर ग्राम पंचायत से अलग होने की मांग की है। इस बार निपनिया के लोगों ने जनता कांग्रेस नेताओं के साथ कलेक्टर पर दबाव बनाया है। जनता कांग्रेस नेता और ग्रामीणों ने जनदर्शन में बताया कि उच्चभठ्ठी का सरपंच..निपनिया गांव और ग्रामीणों के साथ दोयम व्यवहार करता है। आज तक सरकार की कोई भी योजना उच्चभठ्ठी से निकलकर निपनियां तक नहीं पहुंची है। दरअसल उच्चभठ्ठी का सरपंच स्थानीय है। निपनियां पंच की भी नहीं सुनता। जिसके चलते निपनिया का विकास आज तक नहीं हुआ है।
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जनता कांग्रेस नेता अनिल टाह,बबला खान और विक्रांत तिवारी के साथ बड़ी संख्या में निपनियां के लोगों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। ग्रामीणों ने पहले भी निपनिया को उच्चभठ्ठी से अलग पंचायत का दर्जा दिये जाने की मांग की थी। कलेक्टर कार्यालय का घेराव भी किया था। इस बार ग्रामीणों की संख्या कुछ ज्यादा नजर आयी। जनता कांग्रेस नेताओं ने भी ग्रामीणों की मांग का समर्थन किया।
अनिल टाह ने बताया कि निपनिया गांव को मिलाकर उच्चभठ्ठी को पंचायत दर्जा हासिल है। निपनिया उच्चभठ्ठी का आश्रित गांव है। यहां आज तक सरकार की कोई भी योजना नहीं पहुंची है। चाहे शौचालय निर्माण की योजना हो…या तालाब गहरीकरण का…निपनियां में तो पहुच मार्ग भी नहीं है। श्मशान शेड निर्माण, मैदान समतलीकरण,प्रधानमंत्री आवास योजना का निपनियां में नामो निशान तक नहीं है। चूंकि निपनिया चारो तरफ से नाला से घिरा गांव है। सड़क और पुल नहीं होने से ग्रामीणों में हर मौसम में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। छात्र छात्राओं को बड़ी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।
ग्रामीणों के साथ टाह ने बताया कि निपनियां एससी,एसटी बाहुल्य गांव है। आश्रित गांव होने का कारण उच्चभठ्टी पंचायत तंत्र से निपनियां का विकास संभव नहीं है। इसलिए जिला प्रशासन का दायित्व है कि निपनियां को अलग पंचायत बनाकर विकास की मुख्य धारा में शामिल करें। जबकि निपनियां को ग्राम पंचायत बनने के पर्याप्त दावेदारी है।