नोट बंद करने का असर–यात्रियों में आक्रोश,पेट्रोल पंप में तनाव..

BHASKAR MISHRA

phpThumb_generated_thumbnailबिलासपुर— इकोनॉमिक स्ट्राइक का असर बिलासपुर में भी देखने को मिला। टीवी में प्रधानमंत्री को सुनने के बाद लोग देर रात तक हाथ में कार्ड और जेब में हजार और पांच सौ का नोट लेकर एटीएम बूथ पर नजर आए। कुछ लोगों ने एटीएम से खर्च के लिए सौ के नोट निकाले तो ज्यादातर लोगों ने मशीन के मुंह में हजार और पांच सौ के नोट डालकर गंगा नहाया। जो लोग नोट नहीं डाल सके मोदी को भला बुरा कह घर लौट गए।

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                   मालूम हो कि कल देर शाम प्रधानमंत्री ने देश के नाम संदेश में कहा कि आठ सितम्बर की रात्रि के बाद हजार पांच सौ के नोट कुछ स्थानों को छोड़कर नहीं चलेंगे। राष्ट्र के नाम संदेश में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दो दिन के बाद एटीएम से रूपए निकाले और जमा किए जा सकते हैं। 9 नबम्बर को बैंक बंद रहेगा।

                                 घोषणा के बाद बाजार में सनसनी फैल गयी। दूसरे दिन जरूरत के सामानों को खरीदने में लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पेट्रोल पंप के अलावा कमोबेश सभी व्यापारियों ने बड़े नोटो को लेने से इंकार कर दिया। रेलवे स्टेशनों में बड़े नोटों को लेकर रेल कर्मचारी और यात्रियों के बीच विवाद हुआ। अचानक नोट बंद होने से यात्रा करने वालों के सामने भूूखों मरने की स्थिति हो गयी। तो कई यात्रियों ने यात्रा स्थगित कर दिया।

                                      इकोनॉमिक स्ट्राइक के बाद पहला दिन लोगो के लिए बहुत भारी पड़ा । कुछ पेट्रोल पंप मालिकों ने दुकान बंद रखा। कहीं कहीं मारपीट की भी नौबत देखने को मिली। ज्यादातर लोगों ने ना चाहते हुए भी पेट्रोल भराया। कुछ ने पांच और हजार की नोट देकर सौ रूपए का पेट्रोल भराया। इस दौरान पेट्रोल पंप में चेंज को लेकर जमकर तनाव देखने को मिला। तनाव से बचने कई मालिको ने पेट्रोल पंप बंद कर दिया।

                                                          सुबह से सबकी जुबान पर हजार और पांच सौ नोट की चर्चा थी। निजी और सरकारी कार्यालयो में करीब करीब सन्नाटे की स्थिति देखने को मिली। ज्यादातर बड़े अधिकारी नदारद मिले।

पेट्रोल और रेलवे स्टेशन में विवाद

                    पेट्रोल पंप में दिन भर मोटर सायकल और कारों की भीड़ नजर आयी। रेलवे टिकट काउंटर के सामने लंबी कतार थी। टिकट काऊंटर में बैठे कर्मचारियों ने बताया कि सरकार ने बड़े नोट तो बंद कर दिये लेकिन छोटे नोटों की व्यवस्था नहीं की। जिसके चलते बहुत परेशानी हो रही है। लोग टिकट लेने बडे नोट लेकर आ रहे हैं। काउंटर में पर्याप्त संख्या में छोटे नोट नहीं हैं। जिसके कारण दिन भर यात्री और रेलवे कर्मियों के बीच विवाद होता रहा।

रेलवे बेंडरों ने बड़े नोट से किया इंकार

                        रेलवे प्लेटफार्म और गाड़ी में खाने पीने का सामान बेचने वाले वेंडरों की आज बहुत कम संख्या देखने को मिली। जो नजर आए उन्होने बड़े नोट लेने से इंंकार कर दिया। सामान भी नहीं बेंचा। भूखे बच्चों के टपकते आंसुओं ने मांता पिता को भी रूला दिया। यात्रियों ने प्रधानमंत्री और सरकार को जमकर कोसा। यात्रियों ने कहा कि जब नोट बंद करना ही था तो सरकार कम से कम छोटे नोटों की तो व्यवस्था तो कर लेती। अब बच्चों को हम पानी भी नहीं पिलाने की स्थिति में है।

विदाउट टिकट यात्रा

                 बिलासपुर रेलवे स्टेशन टिकट काउंटर में बड़ी नोट लेने से इँकार करने पर यात्रियों ने बिना टिकट की यात्रा की। लोगों ने कहा कि चूंकि हमें यात्रा करना जरूरी है। रास्ते में जो कुछ होगा देखा जाएगा। यदि प्रधानमंत्री कहते हैं कि थोड़ी बहुत परेशानी लोगों को होगी…तो हमारा भी कहना है कि थोड़ा बहुत घाटा सरकार को भी अब उठाना होगा। इसलिए हमें विदाउट टिकट चलने से पकड़ जाने पर कोई डर भी नहीं है।

अफवाह का बाजार

              आज दिन भर अफवाह की भी हवा चली। लोगों में चर्चा होती रही कि फला आदमी बोरों में नोट लेकर इधर उधर घूम रहा है। कई लोगों ने बताया कि तालाब के किनारे बैग में नोट मिले।कुछ लोगों ने तो इसे गंभीरता से भी लिया। कहने और सुनने को यह भी मिला कि व्यापारी अपनी कमाई को चालिस प्रतिशत बट्टे में काले रकम को सफेद बनाने के लिए घूम रहे हैं।

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