न्यायिक आदेश को चुनौती देना पड़ा भारी..मारपीट के आरोप में प्रियंका समेत 3 के खिलाफ अपराध दर्ज..आप नेता को कोर्ट में किया गया पेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- जिला प्रशासन के आदेश के बाद सोमवार को घुरू अमेरी स्थित अवर होम के सभी एचआईव्ही प्रभावित बच्चों को पुलिस की निगरानी में बाल संरक्षण गृह लाया गया। प्रशासन को बच्चों को अवर होम से बाहर निकालने में खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। अवर होम संचालक और समर्थकों ने अधिकारियों को काम में बाधा पहुंचाने साथ धक्का मुक्की भी की। पुलिस ने महिला अधिवक्ता और आम आदमी पार्टी नेता प्रियंका शुक्ला को गिरफ्तार किया है। जबकि दो अन्य लोगों की पुलिस तलाश कर रही है। देर शाम पुलिस ने प्रियंका शुक्ला को गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर कोर्ट में पेश किया है।

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क्या है अवर होम

                जानकारी हो कि लम्बे समय से घुरू अमेरी में एनजीओ के माध्यम से अवर होम का संचालन किया जाता रहा है। अवर होम में शासन के मार्गदर्शन में एचआईव्ही प्रभावित बच्चों का संस्था के माध्यम से संरक्षण और पालन पोषण का निर्देश था। अवर होम में बिलासपुर समेत  रायगढ़, जांजगीर,रायपुर और कवर्धा के एचआईव्ही प्रभावित बच्चों को रखा गया है।

क्या है विवाद का मामला

              सूत्रों के अनुसार अवर होम के संचालक ने कुछ दिनों पहले एक आवेदन के माध्यम से संस्था चलाने से इंकार किया। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग समेत अन्य अधिकारियों को अलग अलग स्रोतो से जानकारी मिली कि अवर होम में बच्चों के साथ अन्याय होता है। संस्था में अनियमितता का खेल जमकर हुआ है। लोगों से  मिल रही लगातार शिकायत पर जांच पड़ताल के दौरान अधिकारियों ने सभी आरोपों को सही पाया।

कोर्ट ने दिया शिफ्टिंग का आदेश

            जांच पड़ताल और शिकायतों को सही पाते हुए जिला बाल कल्याण समिति कोर्ट ने संस्था को बन्द करते हुए सभी बच्चों को संबधित जिलों में शिफ्ट करने का आदेश दिया। इसके अलावा अन्य जिलों के बाल कल्याण समितियों  ने भी क्षेत्र के बच्चों को स्थानीय स्तर पर शिफ्ट करने की बात कही।  बाद में संस्था को बचाने अवर होम संचालक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोर्ट ने  बाल कल्याण समिति के आदेश के फैसले को यथास्थिति रखते हुए सभी एचआईव्ही संक्रमित बच्चों को संबधित जिलों के बाल कल्याण समिति को हवाले करने को कहा।  

कोर्ट के आदेश में बाधा..कार्यपालिक मजिस्ट्रेट से धक्का मुक्की   

                  हाईकोर्ट आदेश के बाद सोमवार को बाल कल्याण समिति प्रमुख पार्वती वर्मा,महिला एवं बाल संरक्षण अधिकारी सुरेश सिंह, पुलिस के आलाधिकारी समेत कार्यपालिक मजिस्ट्रेट बच्चों को छुड़ाने अवर होम पहुंचे। शिफ्टिंग के दौरान संस्था संचालक के समर्थक प्रियंका शुक्ला और अन्य ने जमकर विरोध किया। इस दौरान बाल कल्याण समिति प्रमुख और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के बीच जमकर झूमा झटकी हुई। झूमा झटकी के दौरान दोनों अधिकारियों को गंभीर चोट पहुंची। साथ प्रियंका को भी चोट आयी। 

सभी 14 बच्चों को छुड़़ाया गया

            तनाव के बीच पुलिस ने सभी 14 बच्चों को गाड़ी में बैठाकर बाल संरक्षण कोर्ट भेजा। साथ ही प्रियंका शुक्ला को हिरासत में लेना पड़ा। प्रियंका शुक्ला को थाना लाने के बाद मुलायजा के लिए सिम्स भेजा गया। डीएसपी निमिषा पाण्डेय ने बताया कि प्रियंका शुक्ला और उनके साथियों ने सरकारी काम काज में ना केवल बाधा पहुंचाया है। बल्कि कोर्ट के आदेश में बाधा डालने का काम की है। तीन लोगों के खिलाफ सकरी थाना में अपराध दर्ज किया गया है।

गैरजमानती अपराध दर्ज

            सकरी पुलिस के अनुसार संस्था संचालक ठक्कर और प्रियंका शुक्ला समेत तीन लोगों के खिलाफ सकरी थाना में आईपीसी की धारा 186, 353, 341,और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। खबर लिखे जाने तक प्रियंका शुक्ला को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया है।

                   मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुरेश सिंह ने बताया कि सभी बच्चों को संबधित जिला बाल कल्याण समिति के हवाले करने की कार्रवाई की जा रही है।

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