नारायणपुर।नौ तपा से चार दिन पहले और ज्येष्ठ माह के तीसरे सप्ताह गुरूवार 21 मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के 19 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत 5700 करोड़ में से पहले किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की नकद राशि देकर सुकून और राहत की बरसा की। किसानों को बड़ी सौगात मिली। उन्होंने किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की है। यह राशि किसानों के खातों में 4 किस्तों में ऑनलाइन ट्रान्सफर की जायेगी। कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने और बचाव के लिए लगाये गए लॉकडाउन के कारण किसानों की माली हालत उतनी अच्छी नहीं जितनी होनी चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस योजना के जरिए छत्तीसगढ़ के किसानों के चेहरे की रौनक लौटा दी। इस योजना से नक्सल प्रभावित जिला नारायपुर के लगभग 3684 किसानों को फायदा होगा। उनके खातों में 2 करोड़ 60 लाख 42 हजार रूपए ऑनलाइन ट्रान्सफर होने की शुरूआत हो गयी।
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नारायणपुर से सटे गांव देवगांव के किसान महेश देवांगन ने एड़का लेम्पस में 74 क्विंटल धान बेचा था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दिन यानि 21 मई को उसके खाते में पहली किश्त की राशि रूपए 13 हजार 421 रूपए ऑनलाइन ट्रान्सफर हुई। किसान श्री महेश ने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का वीडियो के जरिए आभार व्यक्त किया। किसान देवांगन का कहना है कि कोराना महामारी के कारण समय पर अपनी फसल, फल, सब्जी आदि नहीं बेचने पर संशय बना हुआ था। फसल पक कर तैयार थी। मुश्किल यह थी कि फसल काटने के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे थे। किसान देवांगन ने बताया कि अब धीरे-धीरे बाजार खुलने लगा है। व्यापार का समय भी तय किया गया है। इससे वह काफी खुश है। इसके लिए भी उन्होंने सरकार का आभार जताया
बतादें कि नारायणपुर जिले मंे धान खरीदी वर्ष 2019-120 में 8 उपार्जन केन्द्रों में कुल 1,48,720 क्विंटल धान की खरीदी हुई। कुल 4454 किसानों का 6910.56 हेक्टयर रकवे में पंजीयन हुआ था। जिसमें से 3684 किसानों ने 4019.45 हेक्टेयर रकबे में धान बेचा। किसान हमारे अन्नदाता है। उनके खून-पसीना और मेहनत से ही हम सभी अन्न ग्रहण करते है। कोरान महामारी के चलते किसानों की स्थिति उतनी ठीक नहीं जितनी होना चाहिए। किसानों की स्थिति हर हाल मंे समृद्ध करने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीड़ा उठाया और उसे पूरा भी किया है। किसानों के लिए सरकार द्वारा चलायी गई हर योजना का लाभ उन तक पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही किसानों को आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों की तकनीकी जानकारी दे कर कृषि को बढ़ावा देने का भी काम किया जा रहा है।