बिलासपुर—- ग्राम पंचायत कुरदा के लोगों ने चुनाव में जमकर धांधली होने का आरोप लगाया है। तृप्ति चौबे की अगुवाई में ग्रामीणों ने बेमेतरा कलेक्टर से लिखित शिकायत कर बताया कि देवगांव बूथ में चुनाव को मजाक बनाकर रख दिया गया। दबंगों के दबाव में चुनाव अधिकारियों ने बोगस मतदान कराया है। स्थानीय दबंग के इशारे पर भाड़े के मतदाताओं ने मतदान कर चुनाव की पारदर्शिता को खत्म कर दिया है।
कलेक्टर से शिकायत के बाद तृप्ति चौबे ने पत्रकारों को जानकारी दी कि 28 जनवरी को चुनाव के दौरान कुरदा ग्राम पंचायत के मतदान केन्द्र देवगांव में चुनाव प्रक्रिया की जमकर धज्जियां उड़ायी गयी है। तृप्ति चौबे के अनुसार हमने कलेक्टर प्रशासन से शिकायत की है कि देवगांव बूथ में मनी और मसल्स पॉवर का जमकर उपयोग हुआ है। अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए दबंगों ने स्थानीय मतदाताओं का वोट भाडे के मतदाताओं से कराया है।
तृप्ति चौबे ने बताया कि दबंगों ने भाडे के नाबालिग मतदाताओं को प्रलोभन देकर बाहर से बुलाया था। क्षेत्र में उन्हें कोई पहचानता भी नहीं है। विरोध के बावजूद अधिकारियों ने नाबालिग भाडे के मतदाताओं को वोट डालने दिया। जबकि इस दौरान लोगों ने विरोध भी किया। लेकिन अधिकारियों ने विरोध को अनसुना कर दिया।
तृप्ति ने बताया कि नियमानुसार समय पर मतदान की कार्रवाई पूरी हो चुकी थी। लेकिन कुछ दबंगों ने अधिकारियों को धमकी देकर किराए के मतदाताओं से रात्रि नौ बजे तक मतदान कराया। इस दौरान अधिकारियों को ना तो परिचय पत्र दिखाया गया। और ना ही किसी एजेन्ट को अन्दर आने ही दिया। लोग पिछले दरवाजे से आकर चुपचाप मतदान करते रहे और अधिकारी मूक दर्शक बनकर नाजारा देखते रहे। लोगों ने जब विरोध किया तो दबंग प्रत्याशी के रिश्तेदारों ने जान से मारने की धमकी दी । दबंगो ने कहा जिसे जो कुछ करना है कर ले। अधिकारी वहीं करेंगे जो हम चाहेंगे।
तृप्ति ने बताया कि इतना ही नहीं बोगस मतदान के बाद दबंगों ने अधिकारियों को डरा धमका कर परिणाम भी बदलवा दिया। क्योंकि मतगणना के बाद पहले तो विरेन्द्र चौबे को विजयी घोषित किया गया। लेकिन दबंगों के आगे झुकते हुए चुनाव कर्मचारियों ने मात्र सात मिनट के अन्दर आशुतोष ठाकुर को विजेता बना दिया। जब लोगों ने विरोध किया तो चुनाव अधिकारी सिर झुकाए सुनते रहे। लेकिन उन्होने कारण नहीं बताया कि दूसरा प्रत्याशी कैसे जीत गया। हां एक अधिकारी ने जरूर कहा कि हमें जिन्दा घर जाना है। इसलिए जरूरी नहीं कि हम हर सवाल का जवाब देने को मजबूर हो।
तृप्ति ने पत्रकारों को बताया कि हमने कलेक्टर प्रशासन को बताया कि कुरदा ग्राम पंचायत क्षेत्र के दो बूथों पर प्रत्येक मतदाताओं से वोट डालने से पहले परिचय पत्र मांगा गया। लेकिन देवगांव बूथ में किसी प्रकार का पहचान पत्र नहीं मांगा गया। इसकी मुख्य वजह जिस प्रत्याशी को चुनाव अधिकारियों ने विजेता घोषित किया है। दरअसल उसके परिवार का क्षेत्र में काफी रसूख है। आए दिन धमकी देता है कि उसकी पहचान मंत्री और प्रदेश के आलाधिकारियों से है। कलेक्टर भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। यदि उसकी बातों को अधिकारियों ने नहीं माना तो उनकी स्थिति को बद से बदतर कर दिया जाएगा।
तृप्ति चौबे समेत ग्रामीणों ने बताया कि हमने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि कुरूदा ग्राम पंचायत और खासकर देवगांव बूथ में जनकर बोगस मतदान हुआ है। मामले की जांच की जाए। नियम खिलाफ बोगस मतदान कराने वाले दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए चुनाव को निरस्त किया जाए। फिर से मतदान कराया जाए। तृप्ति ने यह भी बताया कि यदि जिला प्रशासन ने आरोप को गंभीरता से नहीं लिया तो पर्याप्त प्रमाण के साथ हाईकोर्ट जाउंगी। दूध का दूध और पानी का पानी कर के रहूंगी।