बिलासपुर—पंडरी कपडा व्यपारियो को हाईकोर्ट से राहत मिली है।चीफ जस्टिस बैंच ने रायपुर नगर निगम को बाजार को तीन महीने के अन्दर व्यवस्थित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूर्व में पंडरी बाजार के 78 दुकानों को अवैध बताया गया था। चैम्बर ने कोर्ट के सामने अपना तर्क पेश किया है। जांच पड़ताल के बाद पाया गया कि कारोबारियों ने बेजा कब्जा नहीं किया है। सभी कारोबारी लीज पर हैं।इन्हें व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन रायपुर को है।
प्रदेश के सबसे बड़े पंडरी कपड़ा मार्केट के कारोबारियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। चीफ जस्टिस की बैंच ने मामले में आज सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद रायपुर नगर निगम को पूरे मामले को तीन माह के अंदर निपटाने और बाजार को व्यवस्थित करने का समय दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बाजार की 78 दुकानों को अवैध करार दिया था। इन दुकानदारों को हटाने का आदेश भी जारी किया था।
लेकिन मामले में चैंबर की ओर से तर्क रखा गया कि कारोबारियों ने बेजा कब्जा नहीं किया है। सभी कारोबारी लीज पर हैं। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दुकानदारों को हटाने की बात रद्द करते हुए. नगर निगम को आदेश दिया है कि 3 महीने के भीतर सभी पहलुओं की जांच कर समस्या का निराकरण करे।
हाईकोर्ट ने कारोबारियों से भी जांच में पूरी सहयोग करने की बात कही है। फैसले को छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। कारोबारियों में खुशी की लहर है। मालूम हो कि पिछले साल ऐन दीवाली के समय नगर निगम ने पंडरी कपड़ा मार्केट में बेजा कब्जा को लेकर बड़ी कार्रवाई की थी। व्यापारी काफी परेशानी महसूस कर थे।