पंडित श्यामलाल का सपना करेंगे पूरा..जब सरोज पाण्डेय ने..कहा..आठवीं सूची में मिलेगा छत्तीसगढ़ी भाषा को स्थान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पद्मश्री पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी के सपने को जरूर साकार किया जाएगा। छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलाने कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। हर हाल में प्रयास कर छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का भगीरथ प्रयास किया जाएगा। यह बातें भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय ने कही। सरोज पाण्डेय ने यह बातें पद्मश्री स्वर्गीय पंडित श्यामलाल के निवास में कहीं। इस दौरान सरोज पाण्डेय ने पंडित श्यामलाल के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद भी लिया। पद्मश्री स्वर्गीय पंडित श्यामलाल  चतुर्वेदी के निवास स्थान पहुंचकर भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय ने छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सरोज पाण्डेय ने बातचीत के दौरान कहा कि पद्मश्री पं.श्यामलाल चतुर्वेदी का सपना को अधूरा नहीं छोड़ा जाएगा। छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा का दर्जा  दिलाने संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
 सरोज पाण्डेय ने कहा कि यूपीए सरकार के समय मैथिली को राजभाषा का दर्जा दिया गया। लेकिन छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी भाषा को इस गौरव से दूर रखा गया। सुश्री पांडेय ने इस दौरान शोक संतप्त परिवार को सांत्वना भी दी। पं चतुर्वेदी के परिवार ने सरोज पाण्डेय को वह पत्र की प्रतिलिपि भी दी..जिसे पंडित श्यामलाल ने 2 अप्रैल 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मश्री अलंकरण प्राप्त होने के बाद राष्ट्रपति भवन के सेंट्रल हाल में भोज कार्यक्रम के दौरान दी थी।
            पत्रकार सूर्यकांत चतुर्वेदी ने सरोज पाण्डेय को बताया कि पं चतुर्वेदी ने सेन्ट्रल हाल में महामहिम से छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा देने के संबंध में चर्चा भी की। राष्ट्रपति ने कहा कि मामले में गंभीरता के साथ बातचीत चल रही है। सूर्यकांत ने भाजपा राष्ट्रीय महासचिव से कहा कि 7 दिसंबर को पंडित चतुर्वेदी का आकस्मिक निधन हो गया। इलाज के दौरान अंतिम समय में भी पंडित जी छत्तीसगढ़ी को राजभाषा दर्जा  मिलने का संपना संजोए दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
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