पदोन्नत में आरक्षण हस्तक्षेप याचिका खारिज..हाईकोर्ट का आदेश..नियमित और कानून के अनुसार हो पदोन्नत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— उच्च न्यायालय ने पदोन्नत में आरक्षण मामले को लेकर दायर याचिका को अस्वीकार कर दिया। हाईकोर्ट ने शासन को आदेश दिया है कि नियमित पदोन्नत किया जाए। फैसले से राज्य शासन को राहत मिली है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब शासन नियमित रूप से कानून के अनुसार पदोन्नति देने के लिए स्वतंत्र है।

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               मालूम हो कि विष्णु प्रसाद तिवारी ने हाईकोर्ट में पदोन्नति में आरक्षण मामले को लेकर याचिक दायर कर बताया था पदोन्नति में आरक्षण अधिनियम 2019  उच्चत्तम न्यायाल के सिद्धांत के खिलाफ है। मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 9 दिसम्बर 2019 को आदेश पारित करते हुए अधिनिमय 2019 को स्थगन करते हुए शासन को आदेश दिया कि वह नियमित पदोन्नति कर सकते हैं। आदेश के खिलाफ हस्तक्षेप याचिका दायर की गयी। हस्तक्षेप याचिका में बताया गया कि राज्य शासन केवल अनारक्षित वर्गों को ही पदोन्नत दे रहा है। चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए पदोन्नत में आरक्षण मामले को निर्णय होने तक लंबित रखा जाए।

            हाईकोर्ट ने आज हस्तक्षेप याचिका को अस्वीकार करते हुए शासन को नियमित आरक्षण प्रक्रिया को चालू रखने को कहा। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में शासन को निर्देश दिया है कि प्रमोशन नियमित और कानून के अनुसार किया जाए। आदेश के बाद शासन को राहत मिली है।      

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