बिलासपुर– मंथन सभागार में आज निजी स्तर पर कार्य करने वाले कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं की संभाग स्तरीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने कहा कि कार्यकर्ता पशुधन विकास की महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। इनकी भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान कार्य को कौशल उन्नयन से जोड़कर अधिक से अधिक उपयोगी बनाया जाएगा।
मंथन सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला को सबोधित करते हुए संभागायुक्त ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। हमारा देश कृषि पर निर्भर है पशुधन की कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका है। संभाग में गौवंशीय और भैंसवंशीय पशुओं को मिलाकर लगभग 25 लाख संख्या है। जो बहुत बड़ी संपदा है। इसे गुणवत्ता के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पशुओं को स्वस्थ्य रखने के लिए टीकाकरण, बधियाकरण आवश्यक है। स्वस्थ पशुधन से उत्पादन में वृद्धि होगी और किसान समृद्ध होंगे। दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा। बोरा ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत् कार्यकर्ताओं को एक या दो के समूह में ऋण उपलब्ध कराने को कहा। जिससे वे अपने कार्य को और आगे बेहतर कर सकें।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर अन्बलगन पी. ने कहा कि कृषि आधारित देश में किसान का सबसे बड़ा धन पशु होता है। उन्नत नस्ल के पशुधन उपलब्ध कराने में किसानों को सहयोग देने का कार्य कार्यकर्ता कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का पशु कार्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। कलेक्टर ने कहा कि कार्यशाला में कार्यकर्ताओं के विचार पशुधन विकास में के मायने रखते हैं।स्वागत उद्बोधन करते हुए संयुक्त संचालक पशु पालन विभाग श्री के.के.धु्रव ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संभाग में पशुधन के क्षेत्र में 75 प्रतिशत कृत्रिम गर्भाधान कवर किया गया है अब इसे शतप्रतिशत करने का प्रयास किया जा रहा है।
कार्यशाला में संभाग एवं जिला स्तर पर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को पुरूस्कृत किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम मेंनिगम आयुक्त रानू साहू, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और संभाग से से आये निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता उपस्थित थे।