पाँच महीने में सभी परिवारों का स्वास्थ बीमा

Chief Editor
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रायपुर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सुक्रवार को  यहां मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर  राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से काफी आगे चल रहा है। इस योजना के तहत राज्य में 89.3 प्रतिशत लक्षित परिवारों के कार्ड बन चुके हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 54 प्रतिशत है, वहीं यह औसत केरल में 84 प्रतिशत, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में 72 प्रतिशत, ओड़िशा में 65 प्रतिशत, बिहार में 54 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में 49 प्रतिशत है।

अधिकारियों ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत कुल 37 लाख 24 हजार 248 परिवारो के पंजीयन के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 33 लाख 27 हजार 142 परिवारों के स्वास्थ्य बीमा से संबंधित स्मार्ट कार्ड बनाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शेष तीन लाख 97 हजार 106 परिवारों का पंजीयन जल्द करवाने और उनका कार्ड जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि राज्य में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 19 लाख 26 हजार 476 परिवारों के पंजीयन का लक्ष्य है। पंजीयन कार्य तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने इसमें और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए।
डॉ. सिंह ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में दोनों बीमा योजनाओं के निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शत-प्रतिशत परिवारों के पंजीयन के लिए विशेष अभियान चलाया जाए और सभी उचित मूल्य की दुकानों में हर महीने की सात तारीख को नियमित रूप से होने वाले चावल उत्सव के दिन स्थानीय लोगों को सपरिवार को बुलाकर सभी छुटे हुए परिवारों का पंजीयन किया जाए और उन्हें स्मार्ट कार्ड जारी किया जाए। डॉ. सिंह ने इसके लिए पांच महीने की समय-सीमा भी निर्धारित कर दी। उन्होंने  खुशी जतायी कि छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है, जहां शत-प्रतिशत परिवारों का स्वास्थ्य बीमा किया जा रहा है। अधिकारियों ने बैठक में यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत छत्तीसगढ़ में विगत दो वर्ष में लगभग सात लाख 69 हजार प्रकरणों में संबंधित परिवारों के इलाज में 485 करोड़ रूपए खर्च किए गए। मुख्यमंत्री ने इस योजना में स्मार्ट कार्ड जारी करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के उपक्रम ‘चिप्स’ द्वारा संचालित चॉइस सेन्टरों को भी जोड़ने के निर्देश दिए। डॉ. सिंह ने कहा कि योजना का लक्ष्य पूर्ण करने के लिए सभी जिला कलेक्टर अपने जिले की ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों को साथ लेकर कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि स्मार्ट कार्डों में अगर परिवार के किसी सदस्य का नाम किन्ही कारणो से छूट गया हो, तो उसका नाम भी जोड़ा जाए।

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