पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने के लिए भारत की तैयारी, FATF को सौंपेगा आतंकी गतिविधियों से जुड़े सबूत

Shri Mi
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Ram Mandir, Ram Temple, Ram Temple In Ayodhya, Ram Mandir In Ayodhya, Supreme Court, Modi Government,Jagdish Thakkar, Pro Jagdish Thakkar, Pm Narendra Modi,नईदिल्ली।पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान से सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (MFN) का दर्जा वापस लेने के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी संपर्कों का खुलासा करने और उसे ब्लैकलिस्ट करने की मांग करने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) को सबूतों के साथ फाइल सौंपेने का फैसला किया है. एफएटीएफ अंतरराष्ट्रीय आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली संस्था है. अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा एजेंसी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा हमले से जुड़े अब तक के सबूतों को इकट्ठा कर फाइल (डॉजियर) तैयार किया जा रहा है.वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियों के जैश-ए-मोहम्मद के साथ संबंधों और आतंकी समूह को उनकी तरफ से दी जा रही सहायता पर यह डॉजियर तैयार किया जा रहा है.सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

अधिकारी ने कहा कि पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था को डॉजियर के जरिये बताया जाएगा कि पाकिस्तानी एजेंसियां किस तरीके से JeM को फंड प्रदान कर रही है.एफएटीएफ की अगली मीटिंग में, भारत पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डालने का भी दबाव बनाएगा ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके. एफएटीएफ की समग्र और कार्यकारी ग्रुप की बैठक पेरिस में अगले सप्ताह होने वाली है.

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एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने का मतलब है कि वह देश आतंकवाद के वित्त पोषण और धन शोधन को रोकने के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सहयोग नहीं कर रहा है. अगर पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट में शामिल होता है तो उसे आईएमएफ, विश्व बैंक, एडीबी, ईयू जैसे वैश्विक संस्थाओं से मदद मिलना मुश्किल हो जाएगा.

ग्रे लिस्ट में शामिल है पाकिस्तान

बता दें कि इससे पहले फरवरी, 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट की निगरानी सूची में डाला गया था, जिसका भारत ने स्वागत किया था. यह निगरानी आतंकवाद के वित्त पोषण और धन शोधन को रोकने के मामले में पर्याप्त रूप से ठोस कार्रवाई नहीं करने पर की जाती है.

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एफएटीएफ ने 30 जून को औपचारिक रूप से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और इसे धनशोधन और आतंकवाद विरोधी वित्त व्यवस्था पर काबू पाने में कमियों से जूझता हुआ देश बताया था.

क्या है एफएटीएफ

1989 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग जैसे खतरों से बचाने के लिए दुनिया के 37 देशों ने मिलकर इसका गठन किया था. यह वैश्विक आंतकी संगठनों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के लिए प्रहरी के रूप में काम करने वाला संगठन है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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