पालकों की सांसद से मुलाकात….जताया आभार…कहा…निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ बनाएं कानून

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—निजी स्कूलों शुल्क बृद्धि की मनमानी के खिलाफ सदन में जोर शोर से आवाज उठाने को लेकर पालकों ने सांसद अरूण साव के निवास पहुचकर आभार जाहिर किया है। बताते चलें कि सांसद अरूण साव ने संसद में पालकों की पीड़ा को प्रभावी अंदाज में पेश किया। सदन को बताया कि निजी स्कूलों की मनमानी से पालकों का जीना मुश्किल हो गया है। जरूरी है कि इस प्रकार तानाशाही पर अंकुश लगाया जाए।
                                                             निजी स्कूलों के बेतहाशा फ़ीस वृद्धि और मनमानी के खिलाफ संघर्षरत पालको ने सांसद अरुण साव के निवास पहुंचकर धन्यवाद जाहिर किया है। मालूम हो कि सांसद साव ने लोकसभा में निजी स्कूलों में हर  साल की जा रही बेतहाशा फीस वृद्धि और अनियमितताओं का मामला जोर शोर से उठाया है। सांसद के प्रयास से पीड़ित पालको में उर्जा का संचार हुआ है। रविवार को सुबह 11 बजे स्थानीय ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल मिशन हास्पिटल रोड पालक संघ के सदस्यों ने सांसद अरुण साव से उनके निवास में जाकर भेंट किया।
                 पालकों ने सांसद के सामने समस्याओं को खुलकर रखा। सम्मान करते हुए आभार भी जाहिर किया। पालक संघ के अध्यक्ष शैलेश शर्मा ने बताया कि निजी स्कूलों की अनियमितताओं को विस्तार समझाया। अजय वर्मा ने कहा कि सांसद के प्रयास का नतीजा जल्द ही सामने आएगा।
                     बताते चलें कि पालक गण फीस में मनमानी वृद्धि को लेकर कई महीनों से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। प्रशासन ने बीते दिनों निजी स्कूलों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। लेकिन अब तक पालको को राहत नहीं मिली है। राज्य सरकार ने भी फीस नियामक आयोग का गठन करने का फैसला किया है।  ताकि निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसी जा सके। बावजूद इसके निजी स्कूलों के तौर तरीकों में कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है।
                              पालको ने कहा कि जब तक फीस को लेकर कोई फैसला नही हो जाता…पिछले वर्ष के हिसाब से फीस ली जाए। संघ के महिला सदस्यों  स्मिता मिश्रा और सरिता ने सांसद साव का ध्यान संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग की तरफ से निजी स्कूलों के निरीक्षण को लेकर की जा रही कार्यवाही और कमियों की तरफ आकृष्ट कराया।
                        सांसद साव से मुलाकात के दौरान पालक संघ से शिशिर मिश्रा, राजेश कृपलानी, विक्रम बाकरे, गुप्ता, अरुण साहू समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
दस प्रतिशत फीस वृद्धि का विरोध
           सांसद से मुलाकात के दौरान चौकाने वाली जानकारी सामने आयी कि निजी स्कूल प्रबंधन हर साल 10 प्रतिशत फीस वृद्धि करने को सरकार की तरफ से अधिकार बताया जाता है। दरअसल शासन ने ऐसा कुछ अधिकार निजी स्कूलों को नही दिया है। लेकिन निजी स्कूल प्रबंधन जिला शिक्षा अधिकारी के साथ मिलकर फीस वृद्धि का तानाबाना बुन लेते हैं। सीबीएसई को भी इस बारे में अंधेरे में रखा जाता है।
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