नईदिल्ली।सरकार ने कोरोना वायरस संकट से निपटने को पीएम-केयर कोष में चंदे पर आयकर में शत प्रतिशत कटौती की घोषणा को अध्यादेश के जरिए कानूनी रूप दे दिया है। अध्यादेश जारी होने के बाद वित्त वर्ष 2018-19 की आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया।सरकार ने कोरोना वायरस संकट से निपटने को पीएम-केयर कोष में चंदे पर आयकर में शत प्रतिशत कटौती की घोषणा को अध्यादेश के जरिए कानूनी रूप दे दिया है। इस संकट के दौरान करदाताओं और कारोबारियों को आयकर, जीएसटी, सीमा शुल्क एवं उत्पाद कर रिटर्न भरने, आयकर छूट पाने के लिये विभिन्न निवेश और भुगतानों के मामले में राहत देने जैसे तमाम उपायों को कानूनी तौर पर अमलीजामा पहनाने के लिये मंगलवार को सरकार ने अध्यादेश किया। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप (NEWS) ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
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राष्ट्रपति ने ‘‘कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश 2020’’ को मंगलवार को अपनी संस्तुती दे दी। इस अध्यादेश के जरिये पीएम केयर्स फंड में दिये गये योगदान पर भी उसी तरह 100 प्रतिशत की कर छूट देने का प्रावधान किया गया है जैसी छूट प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान देने पर मिलती है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘इस लिहाज से पीएम केयर्स फंड में किये गये दान पर आयकर कानून की धारा 80जी के तहत 100 प्रतिशत कर कटौती होगी। पीएम केयर्स फंड में दिये गये दान पर सकल आय की 10 प्रतिशत कटौती की सीमा भी लागू नहीं होगी।’’अध्यादेश जारी होने के बाद वित्त वर्ष 2018-19 की आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून करने और पैन के साथ आधार पहचान संख्या को जोड़ने की अंतिम तिथि को भी तीन माह के लिये 30 जून तक बढ़ा दिया गया है।
अध्यादेश के जरिये मार्च, अप्रैल और मई में दी जाने वाली केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की रिटर्न को भी अब 30 जून 2020 तक भरा जा सकेगा। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के विवरणों के दाखिलें के समय में विस्तार आदि की घोषणाओं को भी इसके साथ ही लागू कर दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने कोरोना वायर संक्रमण के संकट के मद्देनजर 24 मार्च को आयकर विवरण जमा करने और जीएसटी के अनुपालन, पैन को आधार से जोड़ने और अन्य सांविधिक प्रावधनों के अनुपालन की समय सीमा आदि बढ़ाने की घोषणा की थी।