जब पीडित किसान ने कहा-रसूखदार होता तो होती सुनवाई,निजी जमीन पर ठेकेदारों की गुंडागर्दी,क्या करूं ??तहसील भी तो नहीं सुनता

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर— मोपका में निजी भू स्वा्मी की जमीन से मुरूम उत्खनन किया जा रहा है। विरोध के बावजूद अवैध उत्ख्ननन करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। शिकायत के बाद भी खनन माफियों के हौंसले बुलंद हैं। खनन माफियों ने तहसीलदार के निर्देशों को भी ढेंगा दिया है। अब तो तहसीदार ने शिकायत भी सुनना छोड़ दिया है।खनन माफियों से परेशान आवेदन लेकर इधर उधर भटक रहे भू-स्वामी फरियादी ने बताया कि किसी को मेरी  शिकायत और पीड़ा को लेकर चिंता नहीं है।  हां एक बार तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी और हाइवा को भगाया था। लेकिन मुरूम माफियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। पीड़ित विभुति मोहन ने बताया कि मैं रसूखवाला होता तो दो मुहानी की तरह मेरी भी जमीन को बचाने जिला महकमा मुरूम माफियों को जरूर सजा देता। अफसोस कि मैं अदना इंसान हूं। अब तो मेरी शिकायत को तहसीलदार ने भी सुनना छोड़ दिया है।किलावार्ड निवासी विभुति मोहन शर्मा जगह जगह शिकायत कर के थक गया है कि मोपका स्थित उसके खेती की जमीन से मुरूम निकाला जा रहा है। लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। जिसके कारण खेती की जमीन बरबाद हो रही है। विभूति मोहन शर्मा ने बताया कि मामले कोजिला प्रशासन से जनदर्शन कार्यक्रम में भी रखा। लेकिन आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। तहसीलदार का कहना है कि जनदर्शन की शिकायत कापी नहीं मिलने से कार्रवाई में अड़चन आ रही है।
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विभूति मोहन शर्मा ने बताया कि उसका खेत पटवारी हल्का क्रमांक 29 मोपका बहतराई गांव से लगा है। ठेकेदार खेत की मिट्टी निकालकर अन्दर से मुरूम उत्खनन करने लगे हैं। अवैध उत्खनन देर रात्रि किया जाता है। कई बार रात में जाकर विरोध किया। लेकिन गुंडे की तरह दिखने वाले ठेकेदारों ने धमकी दी है कि जो करना है कर लो। सरकारी सड़क बनाने के लिए मुरूम उत्खनन का परमिशन लिया है। एक बार मौके पर पहुंचकर  मोबाइल पर ही सरकंडा पुलिस  से शिकायत की। थोड़ी देर में पहुंचने के आश्वासन के बाद भी पुलिस दो तीन घंटे बाद पहुंची। तब तक मुरूम माफिया मौके से जा चुके थे।विभूति शर्मा ने बताया कि मैने पुलिस को फोटो भी दिखाया। नामजद रिपोर्ट किया… बावजूद अवैध उत्खनन कर खेत बरबाद करने वालों के खिलाफ किसी प्रकार की अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।  तहसीलदार एक बार मौके पर गए। जेसीबी और हाइवा हटाने को कहा। लेकिन ठेकेदार अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। देर रात निजी खेत में मुरूम उत्खनन कर खेत बराबद कर रहे हैं।

विभूति शर्मा के अनुसार सामान्य आदमी का ठेकेदारों ने जीना मुश्किल कर दिया है। यदि  तहसीलदार जेसीबी और हाइवा की जब्ती करते तो शायद ठेकेदारों की दुबारा खेत बरबाद करने की हिम्मत नहीं होती।  पुलिस की ठेकेदारों से मिली भगत है। विभूति शर्मा ने बताया कि रोड ठेकेदार अतुल शुक्ला चोरी छिपे मुरूम की खुदाई कर रहा है। जिसके कारण आस पास के लोगों को परेशानी हो रही है। यदि मैं भी रसूखदार होता तो शायद मेरी जमीन ठेकेदारों से बच जाती है। लेकिन मेरा राजीव अग्रवाल की तरह रसूख नहीं है कि शिकायत के बाद तहसील महकमा लावा लश्कर के साथ दो मुंंहानी पहुंचकर जमीन को बचाए। विभूति ने बताया कि मामले में मेरी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है अब कोर्ट ही एक मात्र रास्ता है।

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