रायपुर—पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पीसीसी अध्यक्ष पर अनुपातहीन संपत्ति और चुनाव आयोग को झूठा शपथ पत्र देने का आरोप लगाया है। जोगी ने प्रेस वार्ता में खुलासा किया कि भूपेश बघेल ने पाटन विधानसभा के कुरुद्दीह गाव में गरीब आदिवासी किसानों की जमीन हड़पने संबंधित शिकायत की थी। लेकिन सरकार ने जांच नहीं की। आतंरिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार भूपेश ने 2004, 2008 और 2013 में चुनाव आयोग को झूठा शपथ पत्र देकर अनुपातहीन संपत्ति को छिपाने का अपराध किया है।
जोगी ने पत्रकारों को बताया कि 2004 में भूपेश बघेल की संपत्ति 76 लाख थी। 2008 में संपत्ती बढ़कर 97 लाख हो गयी। 2013 में 10 गुना बढ़कर 8 करोड़ से ऊपर हो गयी है। इस दौरान भूपेश को लोकसभा और विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा था। बावजूद इसके भूपेश की संपत्ति में 10 गुना इजाफा संदेह को पैदा करता है।
जोगी के अनुसार भूपेश बघेल ने 2008 के शपथ पत्र में पुरैना रायपुर में 4559.35 स्क्वायर फीट की गैर कृषि भूमि होना बताया है। जिसकी कीमत 5 लाख 5 हज़ार रुपये है। 2013 के चुनाव शपथ पत्र में उसी जमीन को 14 जून 2011 को खरीदना बताया है। यह कैसे संभव है कि एक व्यक्ति कोई संपत्ति खरीदने के तीन वर्ष पूर्व ही घोषित कर देता है। केवल पांच सालों में 5 लाख के मकान की कीमत 1 करोड़ 28 लाख कैसे हो गयी । भूपेश को इसका जवाब देना होगा।
जोगी ने बताया कि 2008 में माँ दंतेश्वरी मईया को-आपरेटिव शुगर मिल में लगभग 2000 बांड और शेयर की कीमत 2000 रुपये बताया गया है। 2013 में भूपेश बघेल ने बघेल डेवलपर एंड एसोसिएट्स में पार्टनर होने के साथ 25 लाख से ज्यादा की आय होना बताया है। यह वही दौर है जिसमे बड़ी तादाद में जमीनें खरीदी गयी। बघेल डेवलपर में किया गया निवेश कई मायनों में संदिग्ध है। जिसकी जांच आवश्यक है।