बिलासपुर— हम जोड़तोड़ की राजनीति नहीं करते हैं। कोरबा में हम समर्थन के करीब हैं। जोगी कांग्रेस पार्षदों का भी समर्थन मिलेगा। हमने जो वादा किया उसे पूरा कर दिखाया है। यही कारण है कि भाजपा पार्षदों और कार्यकर्ताओं का हृदय परिवर्तन हुआ है। हमारे प्रत्याशी को समर्थन करेंगे। और कर रहे हैं। यह बातें पीसीसी प्रमुख मोहन मरकान बिलासपुर अल्पप्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
बिलासपुर अल्प प्रवास पर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस प्रमुख मोहन मरकाम की पत्रकारों से बातचीत हुई। उन्होने बताया कि निकाय चुनाव के दौरान महापौर, अध्यक्ष चुनाव में भाजपा और जोगी कांग्रेस नेताओं का हृदय परिवर्तन हुआ। उन्होने समर्थन भी किया। ऐसा पिछले पन्द्रह साल की भाजपा सरकार की कुव्यवस्था के कारण हुआ है।
क्या आप जोड़तोड़ की राजनीति पर विश्वास करते हैं। मोहन मरकाम ने बताया कि अभी एक साल ही सरकार को हुआ है। हमें जोड़तोड़ करना नहीं आता है। हमारा काम भी नही है। कोरबा में जोगी कांग्रेस के पार्षद, और अन्य पार्षदों ने पहले ही समर्थन की घोषणा की है। हम बहुमत के करीब हैं। जब दूुसरे विचारधारा की पार्टियां समर्थन करने को तैयार हैं तो जोड़तोड़ का सवाल ही कहां उठता है। समर्थन करने वाले चाहते हैं कि उनके वार्ड का विकास हो। और विकास होगा। क्योंकि पिछले पन्द्रह साल में विकास राशि का बंदरबांट हुआ है। अब ऐसा नहीं होगा।
आज जोगी कांग्रेस के पार्षद और नेता आपके साथ हैं…उम्मीद है कि जोगी परिवार भी कल साथ होगा। मोहन मरकाम ने बताया कि हमें जोगी कांग्रेस या परिवार से मतलब नहीं। उनका हृदय परिवर्तन हुआ है..इसलिए हमारे मेयर प्रत्याशी का समर्थन कर रहे हैं। नहीं करेंगे तो अलग थलग पड़ जाएंगे। उनके वार्ड का विकास नहीं होगा।
जिला कांग्रेस में जमकर गुटबाजी सामने आ रही है के सवाल पर मरकाम ने बताया कि कांग्रेस पार्टी बड़ी है। थोड़ा बहुत होता है। हमने एकजुट होकर चुनाव लड़ा। प्रदेश में जमकर सफलता मिली। गुटबाजी का सवाल ही नहीं है। क्योंकि इन्ही कार्यकर्ताओं के दम पर प्रदेश में कांग्रेस की हवा चल रही है। मोहन मरकाम ने इंकार किया कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत घटा है।
मोहन मरकाम ने बताया कि हम चुनाव में व्यस्त है। गुटबाजी की जानकारी हमें नहीं है। चुनाव के बाद सबकी शिकायत को सुना जाएगा। किसान परेशान हैं..धान को लेकर परेशान किया जा रहा है। मोहन मरकाम ने बताया कि हम 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदेंगे। किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। जिन किसानों का धान 15 फरवरी तक नहीं खरीदा जा सकेगा। उसे भी 15 फरवरी के बाद खरीदेंगे। यह कागजी नहीं बल्कि जमीनी सच्चाई है।