साहू करेंगे इंजीनियरों के जवाब का पड़ताल

BHASKAR MISHRA
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town hall 1बिलासपुर—गौरवपथ निर्माण में भ्रष्ट्राचार के आरोपों की जांच निगम अधीक्षण अभियंता पीएन साहू करेंगे। अधीक्षण अभियंता ने मामले में कुछ बोलने से इंकार किया है। साहू ने बताया कि सारी प्रक्रिया नियमों के दायरे मेंं है। लेकिन जांच अधिकारी बनाए जाने की जानकारी मुझे नहीं है। मालूम हो गौरवपथ भ्रष्ट्राचार मामले में हाईकोर्ट ने आयुक्त और इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन  निगम ने कार्यवाही की बात तो दूर ज्यादातर लोगों को नोटिस भी नहीं भेजा है।

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                                                                  मालूम हो कि महाराणा प्रताप चौक से  मंगला चौक के बीच गौरवपथ निर्माण में भ्रष्ट्राचार की शिकायत मणिशंकर ने याचिका दयार कर की थी। हाईकोर्ट ने मामले में मुख्य अभियंता को जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। सीई ने रिपोर्ट में गौरवपथ निर्माण में भ्रष्टाचार होने की पुष्टि की। रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गौरव पथ निर्माण से जुड़े सभी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ विभागीय जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने को कहा था।

                         रिपोर्ट में बताया गया कि गौरवपथ निर्माण के दौरान आएएस आएएस मुकेश बंसल, आएएस अवनीश कुमार शरण के अलावा दो अन्य आयुक्त थे। रिपोर्ट में ठेकेदारों के अलावा 8 इंजीनियर सुरेश शर्मा, पीके पंचायती, यूजिन तिर्की, ललित त्रिवेदी, गोपाल ठाकुर, श्याम मनोहर उज्जैनी, राजकुमार साहू , एमपी गोस्वामी का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने गौरव पथ निर्माण से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ विभागीय जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।

                            कोर्ट के निर्देश के बाद निगम प्रशासन ने इंजीनियरों को जवाब प्रस्तुत करने नोटिस जारी कर कर दिया। लेकिन तात्कालीन आयुक्तों को अभी तक नोटिस दी गयी है। जानकारी के अनुसार सभी इंजीनियरों ने खुद निर्दोष बताया है।

                                  मामला ठंडे बस्ते में जाने से पहले हाईकोर्ट के दबाव में निगम प्रशासन ने इंजीनियरों के जवाब को जांचने अधीक्षण यंत्री पीएन साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। लेकिन पीएन साहू ने बताया कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

 

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