[wds id=”13″]
बिलासपुर । पुलिस आँदोलन को दौरान भीड़ बढ़ाने के लिए 30-35 नौजवानों को फर्जी तरीके से पुलिस के परिजन बताकर रायपुर भेजे जाने का मामला सामने आया है। ये नौजवान मस्तूरी – पामगढ़ इलाके के हैं। जिन्हे रायपुर से बिलासपुर लाया गया और फिर समझाइस देकर वापस अपने गाँव भेज दिया गया.एडीशनल एसपी ( शहर ) नीरज चँद्राकर ने पत्रकारों को बताया कि सोशल मीडिया में प्रचारित कथित पुलिस आँदोलन के लिए रायपुर में भीड़ बढ़ाने के लिए 30-35 नौजवानों को फर्जी तरीके से पुलिस के परिजन बताकर ले जाया गया था। ये नौजवान मस्तूरी,पचपेड़ी, सुकुलतरी,सोन,पामगढ़,ढमढमा के बताए गए हैं। रायपुर में जब इनसे पूछताछ की गई तो इन्होने बताया कि इनका पुलिस परिवार से कोई संबंध नहीं है और न ही पुलिस आँदोलन से उनका कोई लेने-देना है। ये लोग या तो पढ़ाई कर रहे हैं या पढ़ाई छोड़ चुके हैं।इन नौजवानों ने बताया कि बलौदाबाजार जिले में पदस्थ पुलिस कांस्टेबल कृष्णा राय और कुर्रे ने उनके एक दोस्त के जरिए खबर भेजी थी कि उन्हे रायपुर जाना है और इसके लिए बस के साथ ही खाने-पीने का इंतजाम किया गया था। झांसे में आकर सभी बस में सवार होकर रायपुर पहुंच गए थे। जहां पुलिस ने पूछा तो उन्होने सचाई बता दी। जहां से उन्हे वापस बिलासपुर लाया गया ।
नीरज चँद्राकर ने बताया कि इन नौजवानों को दिगभ्रमित कर रायपुर भेजा गया था। जिन्हे समझाइस के बाद वापस उनके गाँव भेज दिया गया है। इन्हे दिगभ्रमित करने के मामले में संबंधित जिले को सूचना भेज दी गई है।नौजवानों के बारे में खबर मिलने के बाद उन्हे रायपुर से बिलासपुर लाने और उन्हे वापस गाँव भेजने सिविल लाइन सीएसपी नसर सिद्दिकी की भी अहम् भूमिका रही ।